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हर साल नागपंचमी पर यहां लगती है नागों की 'अदालत', सर्प दोष से मिलता है छुटकारा

रायसेन जिले के गैरतगंज तहसील के सीहोरा खुर्द गांव में सिद्ध क्षेत्र श्री राम रसिया धाम पर नागपंचमी के दिन नागों की अदालत लगती है. जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.

snakes court
नागों की 'अदालत'
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Published : Jul 25, 2020, 10:48 PM IST

रायसेन। गैरतगंज तहसील के सिद्ध क्षेत्र श्री राम रसिया धाम सीहोरा खुर्द गांव में नागपंचमी के मौके पर नागों की अदालत लगती है. अपने तरह के इस अनूठे और चमत्कारिक आयोजन को देखने के लिए दूर दूर से लोग बड़ी संख्या में आते हैं.

नागों की 'अदालत'

गैरतगंज से 15 किमी दूर सिलवानी रोड स्थित ग्राम सीहोरा खुर्द में हनुमान जी और शिवजी के सिद्ध स्थान की काफी ख्याति है. यहां हर मंगलवार को हनुमान जी का दरबार लगता है. जहां लोग अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं. वहीं सीहोरा गांव के भीतरी क्षेत्र में नागदेव का चबूतरा है. इस देवस्थल पर नागपंचमी पर नागों की अदालत लगती है.

ऐसी मान्यता है कि सालभर में सर्पदंश से पीड़ित लोग सीहोरा पहुंचकर वहां के पंडा से गांसी बंधवाते हैं. जिससे उन्हें फायदा मिलता है. बाद में उन्हें नाग पंचमी पर दोबारा सीहोरा पहुंचना होता है. कहा जाता है कि नागों की अदालत में सर्पदंश की त्रासदी भोगने वालों के शरीर में नागों की आत्मा प्रकट होती है और वह नागदेव के चबूतरे पर पंडा के समक्ष उनके काटने का कारण बताते हैं. साथ ही दोबारा नहीं काटने का वचन भी देते हैं.

इस आयोजन को देखने के लिए दूर दराज के श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं. इस बार भी नागपंचमी पर आयोजित हुए इस आयोजन में बड़ी तादाद में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे. हालांकि ये लोगों का अंधविश्वास ही है. लेकिन इस क्षेत्र में ये पंरपरा लंबे समय से चली आ रही है.

रायसेन। गैरतगंज तहसील के सिद्ध क्षेत्र श्री राम रसिया धाम सीहोरा खुर्द गांव में नागपंचमी के मौके पर नागों की अदालत लगती है. अपने तरह के इस अनूठे और चमत्कारिक आयोजन को देखने के लिए दूर दूर से लोग बड़ी संख्या में आते हैं.

नागों की 'अदालत'

गैरतगंज से 15 किमी दूर सिलवानी रोड स्थित ग्राम सीहोरा खुर्द में हनुमान जी और शिवजी के सिद्ध स्थान की काफी ख्याति है. यहां हर मंगलवार को हनुमान जी का दरबार लगता है. जहां लोग अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं. वहीं सीहोरा गांव के भीतरी क्षेत्र में नागदेव का चबूतरा है. इस देवस्थल पर नागपंचमी पर नागों की अदालत लगती है.

ऐसी मान्यता है कि सालभर में सर्पदंश से पीड़ित लोग सीहोरा पहुंचकर वहां के पंडा से गांसी बंधवाते हैं. जिससे उन्हें फायदा मिलता है. बाद में उन्हें नाग पंचमी पर दोबारा सीहोरा पहुंचना होता है. कहा जाता है कि नागों की अदालत में सर्पदंश की त्रासदी भोगने वालों के शरीर में नागों की आत्मा प्रकट होती है और वह नागदेव के चबूतरे पर पंडा के समक्ष उनके काटने का कारण बताते हैं. साथ ही दोबारा नहीं काटने का वचन भी देते हैं.

इस आयोजन को देखने के लिए दूर दराज के श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं. इस बार भी नागपंचमी पर आयोजित हुए इस आयोजन में बड़ी तादाद में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे. हालांकि ये लोगों का अंधविश्वास ही है. लेकिन इस क्षेत्र में ये पंरपरा लंबे समय से चली आ रही है.

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