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नर्मदा नदी से मिली 10वीं सदी की इच्छाधारी नाग-नागिन की प्रतिमा, उमड़े श्रद्धालु

नर्मदा घाट की खुदाई के दौरान पांच फीट लंबी इच्छाधारी नाग-नागिन की प्रतिमा मिली. इस प्रतिमा की लोग पूजा-अर्चना कर रहे है.

नाग नागिन की प्रतिमा
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Published : Feb 23, 2019, 3:40 PM IST

रायसेन। नर्मदा घाट बोरास में रेत खुदाई के दौरान एक अनोखी मूर्ति मिली है. यहां पांच फीट की इच्छाधारी नाग-नागिन की मूर्ति रेत और कचरे के बीच दबी हुई मिली. जिसे भगवान का चमत्कार मानते हुए लोगों ने मूर्ति की स्थापना कर पूजा-पाठ की.

यूं तो रायसेन जिला पुरासंपदाओं से भरा हुआ है. उदयपुरा तहसील के नर्मदा घाट बोरास के करहैया कला गांव में 10वीं शताब्दी की दुर्लभ मूर्ति रेत में गड़ी हुई मिली. इसकी ऊंचाई 5 फीट है. मूर्ति के ऊपरी हिस्से में मानव आकृति और निचले हिस्से में नाग आकृति बनी हुई है. बता दें कि इस इच्छाधारी नागिन की प्रतिमा को सामान्य पत्थर समझकर निकाला जा रहा था, जो अद्भुत मूर्ति के रूप में सामने आई है.

नाग नागिन की प्रतिमा

ग्रामीणों ने भगवान का चमत्कार मानते हुए उसी स्थान पर मूर्ति स्थापित कर पूजा-पाठ शुरू कर दी. लोगों का कहना है कि ऐसी मूर्ति उन्होंने कभी नहीं देखी है. ये अति दुर्लभ मूर्ति है, नर्मदा किनारे मंदिर बनाकर मूर्ति को रखा जाएगा. विंध्याचल पर्वत और नर्मदा क्षेत्र ऐसी कई अनोखी, दुर्लभ और पुरातात्विक महत्व की चीजों से बिखरा हुआ है. अब जिम्मेदारी बनती है पुरातत्व विभाग की, जो इन्हें संरक्षित करने का जिम्मा उठाए.

रायसेन। नर्मदा घाट बोरास में रेत खुदाई के दौरान एक अनोखी मूर्ति मिली है. यहां पांच फीट की इच्छाधारी नाग-नागिन की मूर्ति रेत और कचरे के बीच दबी हुई मिली. जिसे भगवान का चमत्कार मानते हुए लोगों ने मूर्ति की स्थापना कर पूजा-पाठ की.

यूं तो रायसेन जिला पुरासंपदाओं से भरा हुआ है. उदयपुरा तहसील के नर्मदा घाट बोरास के करहैया कला गांव में 10वीं शताब्दी की दुर्लभ मूर्ति रेत में गड़ी हुई मिली. इसकी ऊंचाई 5 फीट है. मूर्ति के ऊपरी हिस्से में मानव आकृति और निचले हिस्से में नाग आकृति बनी हुई है. बता दें कि इस इच्छाधारी नागिन की प्रतिमा को सामान्य पत्थर समझकर निकाला जा रहा था, जो अद्भुत मूर्ति के रूप में सामने आई है.

नाग नागिन की प्रतिमा

ग्रामीणों ने भगवान का चमत्कार मानते हुए उसी स्थान पर मूर्ति स्थापित कर पूजा-पाठ शुरू कर दी. लोगों का कहना है कि ऐसी मूर्ति उन्होंने कभी नहीं देखी है. ये अति दुर्लभ मूर्ति है, नर्मदा किनारे मंदिर बनाकर मूर्ति को रखा जाएगा. विंध्याचल पर्वत और नर्मदा क्षेत्र ऐसी कई अनोखी, दुर्लभ और पुरातात्विक महत्व की चीजों से बिखरा हुआ है. अब जिम्मेदारी बनती है पुरातत्व विभाग की, जो इन्हें संरक्षित करने का जिम्मा उठाए.

Intro:रायसेन जिले के नर्मदा घाट बोरास मे रेत खुदाई के दौरान मिली 5 फीट की इच्छाधारी नाग नागिन की मूर्ति, जिसके ऊपर रेत और कचरा रखा हुआ था जब सामान्य पत्थर समझ कर खुदाई की गई तो अति सुंदर इच्छाधारी नाग नागिन की प्रतिमा मिली जिसे निकाल कर पूजा पाठ किया जा रहा है वहीं नर्मदा सफाई समिति ने उसे स्थापित कर मंदिर बनाने की बात की। इतनी बड़ी मूर्ति कहां से आई यह लोगों की समझ से परे है लेकिन इतिहासकार इसे 10 वीं सदी की बता रहे हैं ऊपर मनुष्य रूप में है और नीचे नांग रूप में लिपटे हुई मूर्ति है।


Body:यूं तो रायसेन जिले पुरासंपदाओं से भरा है जिले के उदयपुरा तहसील के नर्मदा घाट बोरास में 10 वीं शताब्दी की रेत में गढ़ी दुर्लभ मूर्ति मिली जिसकी ऊंचाई 5 फिट है मूर्ति में ऊपर मानव आकृति है और नीचे नांग आकृति है इच्छाधारी नागिन की इस प्रतिमा को सामान्य पत्थर देख कर निकाला जो अद्भुत मूर्ति निकली जिसकी लोगों ने उसी स्थान पर रखकर पूजा पाठ करना शुरू कर दिया। लोगों का कहना है कि ऐसी मूर्ति अभी तक नहीं देखी यह अति दुर्लभ मूर्ति है वहीं नर्मदा किनारे मंदिर बनाकर मूर्ति को रखा जाएगा।

Byte-पंचम नर्मदा सफाई समिति।

Byte-मीराबाई श्रद्धालु जन।

Byte-रमेश शुक्ला।

विंध्याचल पर्वत और नर्मदा क्षेत्र ऐसी अनोखी दुर्लभ पुरासंपदा बिखरी पड़ी है यह मूर्ति परमार कालीन है और 10 वीं सदी की है इस मूर्ति में इच्छाधारी नाग नागिन को जोड़ा है जो ऊपर मानव आकृति में है और नीचे नाग आकृति में है एक और मूर्ति इसी प्रकार की उदयपुरा तहसील के करहैया कला गांव में खेत में जुताई के दौरान मिली। अब जिम्मेदारी बनती है पुरातत्व विभाग जो इन्हें संरक्षित करें।

Byte-बृज गोपाल इतिहासकार।


Conclusion:
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