भोपाल: कांग्रेस ने केन्द्र सरकार द्वारा वसूले जा रहे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं. गुरुवार को भोपाल पहुंचे छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने आरोप लगाया कि "देश में जीएसटी अमीरों से ज्यादा मध्यम वर्ग और गरीबों से वसूला जा रहा है. देश में 10 फीसदी उच्च आय वाली आबादी द्वारा जीएसटी में सिर्फ 3 फीसदी ही योगदान दिया जा रहा है, जबकि 65 फीसदी जीएसटी कलेक्शन 50 फीसदी मध्यम वर्ग और गरीबों से हो रहा हैं. इसलिए कहा जा रहा है कि जीएसटी अमीरों का, अमीरों द्वारा, अमीरों के लिए है."
एक ही वस्तु पर 3 अलग-अलग टैक्स
भोपाल कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव (टीएस सिंह देव) ने आरोप लगाया कि "मोदी सरकार ने आनन-फानन में जीएसटी लागू कर इसे जटिल बना दिया. इसमें अब तक 1 हजार से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं. ऐसा कहीं नहीं होगा, लेकिन जीएसटी में अलग-अलग 9 स्लैब बनाए गए हैं. एक ही वस्तु पर 3 अलग-अलग तरह के टैक्स लिए जा रहे हैं. इसका एक उदाहरण पॉपकॉर्न है, जिस पर 3 तरह के टैक्स हैं."
'जीएसटी से कई राज्यों के राजस्व में नुकसान'
टीएस सिंह देव ने कहा कि "केन्द्र सरकार को आम लोगों से ज्यादा पूंजीपतियों और अमीरों की फिक्र है. यही वजह है कि टैक्स चोरी को रोकने के स्थान पर आम उपभोक्ताओं पर टैक्स का बोझ बढ़ाया जा रहा है. वहीं, पूंजीपतियों को 2 लाख करोड़ रुपए की कर में छूट दे दी गई है."
उन्होंने आगे कहा कि "जीएसटी से कई राज्यों के राजस्व में नुकसान हो रहा है. खासतौर से उन राज्यों को जहां उत्पादन होता है. जीएसटी के पहले केन्द्र सरकार ने जो बातें कही थी, वह राजस्व भी राज्यों को नहीं मिल रहा." कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार को जीएसटी को लेकर एक बार फिर गंभीरता से विचार करना चाहिए और कांग्रेस के सुझाव को मानना चाहिए.
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'इंडिया गठबंधन ठीक से स्वरूप नहीं ले पाया'
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि "इंडिया गठबंधन अभी वैसा स्वरूप नहीं ले पाया जैसा होना चाहिए. वैसे पंजाब में भी आप और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ चुनाव में उतरे थे, लेकिन जिस तरह की देश में स्थिति है उसको देखते हुए सभी विपक्षी दलों को एक साथ आकर लड़ना होगा."