रायसेन। मध्य प्रदेश अजब गजब है और यहां के सरकारी तंत्र का सिस्टम भी अलग है. मध्य प्रदेश के कई जिलों में राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा एक बड़ा घोटाला किया गया है. विभाग द्वारा ऑडिट कराए जाने पर यह पूरा मामला उजागर हुआ और तब जाकर इसकी जांच ग्वालियर महालेखाकार ने की. इस कार्रवाई में प्रदेश के कई जिलों में करोड़ों का भ्रष्टाचार सामने आया है. प्रदेशभर के 14 जिलों के किसानों के साथ राहत राशि में धोखा किया गया है.
रायसेन में बड़ा भ्रष्टाचार उजागर: आरोप है कि रायसेन जिले में किसानों को दी जाने वाली लगभग 75 लाख रुपए की राहत राशि कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया है. विभागीय ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. रायसेन कलेक्टर ने एक टीम बनाकर इसकी जांच कराई और इसमें लगभग 75 लाख रुपए का गबन सामने आया. इसकी जांच कराकर रायसेन कलेक्टर ने रिपोर्ट ऊपर वरिष्ठ कार्यालय को भेज दी है.
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कई जिलों में किसानों की राहत राशि में गोलमाल: आरोप है कि किसानों की राशि सरकारी कर्मचारियों ने अपने और अपने रिश्तेदारों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया है. इतना बड़ा भ्रष्टाचार करने में निलंबित पटवारियों और कुछ नियमित पटवारियों की भूमिका सामने आई है. रायसेन सहित सीहोर, विदिशा, शिवपुरी, सतना, दमोह, छतरपुर, देवास, खंडवा, सिवनी, मंदसौर, आगर मालवा, श्योपुर और रतलाम में किसानों को मिलने वाली राहत राशि में करोड़ों का गोलमाल किया गया है.