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लॉकडाउन का शिकार हुए कुम्हार, परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट - रोजी-रोटी का संकट

लॉकडाउन के सामने मिट्टी के बर्तन बनाने वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. कारीगरों, का कहना है, कि लॉकडाउन के कारण उन लोगों का धंधा ठप हो गया है, क्योंकि वो लोग बाजार में दुकान नहीं लगा पा रहे हैं.

Potter victim of lockdown
लॉकडाउन का शिकार हुए कुम्हार
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Published : Apr 28, 2020, 11:40 PM IST

रायसेन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉकडाउन चल रहा है. इसका सीधा असर देशी फ्रिज यानि मिट्टी के मटकों पर भी देखने को मिल रहा है. गर्मी के दिनों में प्यास बुझाने के लिए जब तक मिट्टी के मटके का पानी नहीं मिलता प्यास नहीं बुझती, लेकिन आज लॉकडाउन के कारण उनको बनाने वालों के सामने अब खाने के लाले पड़े हैं और अब इनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है.

मिट्टी के बर्तनों का निर्माण कर व्यवसाय करने वाले कारीगरों, का कहना है कि, लॉकडाउन के कारण उन लोगों का धंधा ठप हो गया है, क्योंकि वो लोग बाजार में दुकान नहीं लगा पा रहे हैं और लगा भी रहे हैं तो, लॉकडाउन के चलते स्थानीय नागरिक मटके खरीदने के लिए हमारे पास नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते उनको परिवार चलाने में दिक्कत हो रही है.

रायसेन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉकडाउन चल रहा है. इसका सीधा असर देशी फ्रिज यानि मिट्टी के मटकों पर भी देखने को मिल रहा है. गर्मी के दिनों में प्यास बुझाने के लिए जब तक मिट्टी के मटके का पानी नहीं मिलता प्यास नहीं बुझती, लेकिन आज लॉकडाउन के कारण उनको बनाने वालों के सामने अब खाने के लाले पड़े हैं और अब इनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है.

मिट्टी के बर्तनों का निर्माण कर व्यवसाय करने वाले कारीगरों, का कहना है कि, लॉकडाउन के कारण उन लोगों का धंधा ठप हो गया है, क्योंकि वो लोग बाजार में दुकान नहीं लगा पा रहे हैं और लगा भी रहे हैं तो, लॉकडाउन के चलते स्थानीय नागरिक मटके खरीदने के लिए हमारे पास नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते उनको परिवार चलाने में दिक्कत हो रही है.

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