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पानी में डूब रहा गरीबों का कारोबार, किसी ने नहीं ली सुध

रायसेन के उदयपुरा और बरेली तहसील के दर्जनों गांव नर्मदा नदी के किनारे बसे हैं.नर्मदा में अचानक जबलपुर के बरगी डैम से पानी छोड़ दिया गया, जिससे इन घाटों पर बनी दुकानें डूब रही हैं. दुकाने डूबने से दुकानदारों की रोजी रोटी का जरिया कम हो गया है.

नर्मदा नदी में डूबी दर्जनों दुकानें
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Published : Apr 7, 2019, 3:22 AM IST


रायसेन। नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध से बिना सूचना के पानी निकाला जा रहा है. अचानक जबलपुर के बरगी डैम से पानी छोड़ने से गरीबों की रोजी रोटी खतरे में आ गई है. रोजाना इन घाटों पर दुकानें पानी में डूब रही हैं, लेकिन प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

नर्मदा नदी में डूबी दर्जनों दुकानें


जिले के उदयपुरा और बरेली तहसील के दर्जनों गांव नर्मदा नदी के किनारे बसे हैं. वहीं नर्मदा में अचानक जबलपुर के बरगी डैम से पानी छोड़ दिया गया, जिससे इन घाटों पर बनी दुकानें डूब रही हैं. दुकाने डूबने से दुकानदारों की रोजी रोटी का जरिया कम हो गया है. यह दुकानदार रोज अपनी दुकानों को दस से पन्द्रह फीट ऊपर करते हैं. दुकानदारों का कहना है कि हर दस-पन्द्रह दिन पर पानी छोड़ा जाता है जिसकी कोई भी सूचना पहले नहीं दी जाती.


रायसेन जिले के बोरास, चौरस, अंघोरा केलकच्छ, केतोघान, अलीगंज सहित दर्जनों गांव के घाटों में जलस्तर बढ़ गया है. रोजाना इन घाटों पर दुकानें पानी में डूब रही हैं. वहीं महिला स्नानघर भी पानी में डूबे हुए है. ऐसे में श्रद्धालुओं को भी काफी दिक्कतें हो रही हैं. इसके बावजूद शासन-प्रशासन इनकी कोई सुध नहीं ले रहा है.


रायसेन। नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध से बिना सूचना के पानी निकाला जा रहा है. अचानक जबलपुर के बरगी डैम से पानी छोड़ने से गरीबों की रोजी रोटी खतरे में आ गई है. रोजाना इन घाटों पर दुकानें पानी में डूब रही हैं, लेकिन प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

नर्मदा नदी में डूबी दर्जनों दुकानें


जिले के उदयपुरा और बरेली तहसील के दर्जनों गांव नर्मदा नदी के किनारे बसे हैं. वहीं नर्मदा में अचानक जबलपुर के बरगी डैम से पानी छोड़ दिया गया, जिससे इन घाटों पर बनी दुकानें डूब रही हैं. दुकाने डूबने से दुकानदारों की रोजी रोटी का जरिया कम हो गया है. यह दुकानदार रोज अपनी दुकानों को दस से पन्द्रह फीट ऊपर करते हैं. दुकानदारों का कहना है कि हर दस-पन्द्रह दिन पर पानी छोड़ा जाता है जिसकी कोई भी सूचना पहले नहीं दी जाती.


रायसेन जिले के बोरास, चौरस, अंघोरा केलकच्छ, केतोघान, अलीगंज सहित दर्जनों गांव के घाटों में जलस्तर बढ़ गया है. रोजाना इन घाटों पर दुकानें पानी में डूब रही हैं. वहीं महिला स्नानघर भी पानी में डूबे हुए है. ऐसे में श्रद्धालुओं को भी काफी दिक्कतें हो रही हैं. इसके बावजूद शासन-प्रशासन इनकी कोई सुध नहीं ले रहा है.

Intro:बीती रात बरगी बांध से बिना सूचना छोड़ा गया पानी जिसमें दो दर्जन से अधिक दुकानें डूबी हजारों का नुकसान लोगों का सामान बहा महिलाओं के वस्त्र बदलने के वस्त्रांगार भी डूबे।नर्मदा के तटो पर रोजी कमाने बाले जीवन यापन कर सके।लेकिन नर्मदा नदी पर वना बरगी बांध से बिना सूचना के पानी निकाला जा रहा है जिससे नर्मदा नदी के किनारे बसे निचले क्षेत्रों में नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ गया जिससे नर्मदा नदी के घाटों पर लगी दुकानों में पानी जाने से दुकानदारों की रोजी रोटी का जरिया कम हो गया है यह दुकानदार रोज अपनी दुकानों को दस से 15 फीट ऊपर करते है दूसरे दिन दुकान जलस्तर बढ़ने से पानी में आ जाती हैं जितना कमाते हैं उतना धन ऊपर कर दुकान बनाने में खर्च हो रहा है नर्मदा नदी के दर्जनों घाटों पर लगी दुकानें पानी मे है वही महिला स्नानागार जल स्तर बढ़ने से पानी मे पड़े हुए है ऐसे में श्रद्धालुओं को भी हो रही है खासी दिक्कतें।


Body:रायसेन जिले के उदयपुरा बरेली तहसील के कई दर्जनों ग्राम माँ नर्मदा नदी के किनारे बसे है जो श्रद्धालुओं के स्नान के लिए फल देने वाले नर्मदा तट के घाट है जबकि जबलपुर नरसिंहपुर रायसेन होशंगाबाद सहित और अन्य जिलों के भी ग्राम नर्मदा किनारे बसे है लेकिन हम सिर्फ रायसेन जिले के नर्मदा खण्डी ग्रामो और घाटो की बात कर रहे जिनसे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अचानक जबलपुर के बरगी डैम से पानी छोड़ने से कितने गरीबों की रोजी रोटी खतरे में है रायसेन जिले के बोरास,चौरस,अंघोरा केलकच्छ,केतोघान,अलीगंज सहित दर्जनों ग्राम के घाटों में जलस्तर बढ़ गया है रोजाना इन घाटों पर दुकाने पानी में डूब रही है वही महिलाओं के बदलने के वस्त्रागार भी पानी मे डूबे हुए है एक दिन की बात हो तो उन्हें उठाया जाए पर रोजाना जल स्तर बढ़ जाता है वही लोगो की दुकानों में भी आए दिन डूबने से सामान वह रहा है।

Byte-रमेश शुक्ला स्थानीय।

Byte-झलकन सिंह स्थानीय।

Byte-भारती बाई स्थानीय।

Byte-संतोष कुमार स्थानीय।

Byte-सरोज अग्निवंशी तहसीलदार।


Conclusion:
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