रायसेन। दो दिन पहले ही जिला अस्पताल में एक प्रसूता ने डिलेबरी के दौरान दम तोड़ दिया था. वहीं रविवार को सिलवानी तहसील के बिछुआ गांव की रहने वाली राजकुमारी ने भी ऑपरेशन के बाद दम तोड़ दिया. लिहाजा स्पष्ट हो जाता है कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही बढ़ती जा रही है.
जिला अस्पताल में प्रसुता की मौत होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. तीन दिनों में लगातार दो प्रसुता मरीजों की मौत का मामला सामने आया है. परिजनों ने आरोप लगाया है कि ऑपरेशन करने वाली टीम के प्रमुख डॉक्टर मरीजों को अपने हिसाब से चलाते हैं और मजबूर करते हैं कि वह अपनी प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराए. लेकिन ऐसा नहीं होने पर वह लापरवाही पूर्वक मरीजों का इलाज करते हैं.
मरीज राजकुमारी एनीमिया की शिकार थी. ब्लड बैंक से ब्लड रिसीव होने से पहले ही डॉ दिनेश गुप्ता और उनकी टीम ने राजकुमारी का ऑपरेशन कर दिया और रक्त की कमी के कारण राजकुमारी ने दम तोड़ दिया. खास बात यह है कि बिना पोस्टमार्टम किए ही शव को परिजनों को सौंप दिया गया और आनन-फानन में शांति भवन से उसे रवाना कर दिया. डाक्टरों ने इस मामले बात करने से इन्कार कर दिया.