रायसेन। "जरा सा झगड़ा हुआ और पत्नी अपने भाई को बुलाकर मायके चली जाती है, मैं अपनी पत्नी व बच्चों के बिना नहीं रह पाता". ये कहते हुए पति की आंखे नम हो गईं. उसके आंसू ने वो सब बयां कर दिया, जो शायद जुबां से नहीं कह पा रहा था. पत्नी के बार-बार मायके चले जाना और कई दिन तक नहीं लौटना. कारण पति-पत्नी के बीच मामली विवाद. लेकिन पति के दिले में अपनी पत्नी के प्रति गहरा प्रेम और उसके बिना न रह पाने की पीड़ा भी सामने आई.
परिवार में कराया समझौता : सिर्फ नफरत ही घर टूटने की वजह नहीं है, कई बार मन की बात न कह पाने की पीड़ा भी विवाद की वजह बन जाती है. पत्नी की जिद से परेशान होकर पति ने परामर्श केंद्र में ये व्यथा सुनाई. परामर्श केंद्र में तैनात प्रभारी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि विवाद की कोई बड़ी वजह नहीं है. दोनों को समझाया गया तो वे खुशी-खुशी साथ रहने को तैयार हो गए और आगे से अपनी गलतियां न दोहराने व एक-दूसरे का ख्याल रखने का वादा किया. इस प्रकार एक परिवार टूटने से बच गया.
परामर्श केंद्र में समझौता : एक अन्य मामले में पति-पत्नी के विवाद में परिजनों में मारपीट हो गई. पति ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी. पति-पत्नी को इस प्रकरण में समझाइश दी गई तो वे साथ रहने को राजी हो गए, लेकिन पत्नी की शर्त थी कि मारपीट का मामला पति ने उनके घरवालों पर दर्ज कराया है, पहले उसमें राजीनामा हो. परिवार परामर्श केंद्र में उन्हें मारपीट के मामले में राजीनामा करने की सलाह दी गई. परामर्श केंद्र की बैठक में अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, प्रधान आरक्षक लक्ष्मण प्रसाद, आरक्षक लोकेंद्र मौर्य उपस्थित रहे. उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के निर्देशन व एएसपी अमृतलाल मीणा के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है.