रायसेन। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस प्रोजेक्ट के आईआरएडी ऐप के संबंध में पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण में डीईओ एनआईसी दीपेन्द्र कटियार ने जानकारी देते हुए बताया कि सड़क दुर्घटनाओं का कारण जानते हुए उनमें कमी लाने के लिए इस ऐप के माध्यम से डाटाबेस तैयार किया जाएगा.
- सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए ऐप
प्रशिक्षण में बताया गया कि जिले में कहीं भी सड़क दुर्घटना होने पर घटना दिनांक, समय, स्थान का नाम, घटना स्थल के आसपास की जगह, घटना होने का संभावित कारण सहित अन्य जानकारी ऐप में तुरंत फीड की जाएगी. भविष्य में किन स्थानों पर और किन कारणों से सड़क दुर्घटनाएं बार-बार हो रही है. यह जानने में मदद मिलेगी. जिससे सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उपाय किए जा सकें.
- ऐप के माध्यम से तैयार होगा डाटाबेस
प्रशिक्षण में जानकारी दी गई कि दुर्घटना की सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचने के बाद मोबाइल से फोटो, वीडियो अपलोड कर सकेंगे. सड़क पर चल रहे वाहनों की जानकारी भी ऐप पर उपलब्ध रहेगी. दुर्घटना होने पर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी को संबंधित वाहन का रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लायसेंस नम्बर ऐप पर फीड करना होगा. ऐप पर वाहन से जुड़ी जानकारी मिल जाएगी. ऐप पर दिए गए फार्मेट के जरिए पुलिस को दुर्घटना से जुड़ी जानकारी , हादसे की वजह, मृतक और घायलों के नाम, पता सहित घटनास्थल से जुड़ी जानकारी फीड करनी होगी.
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- नजदीकी अस्पताल, एम्बुलेंस तक पहुंचेगी जानकारी मिल सकेगी
जानकारी फीड करते समय एक लिंक के जरिए नजदीकी अस्पताल के चिकित्सक, स्वास्थ्य अधिकारी, एम्बुलेन्स, आरटीओ और पुलिस अफसरों के पास दुर्घटना की जानकारी तत्काल पहुंच जाएगी. जिससे घायलों का समय पर उपचार हो सके. जांच अधिकारी को अपने मोबाईल से फोटो और वीडियो बनाकर ऐप पर अपलोड करना होगा. इस ऐप के जरिए एक क्लिक पर कहीं भी हादसे का डाटा देखा जा सकेगा. प्रशिक्षण में बताया गया कि सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा के लिए मोबाइल एप पर कई विकल्प दिए गए हैं. जिसमें दुर्घटना का कारण ओवरटेकिंग, चालक का नशे में होना, वाहन की गति अधिक होने सहित अन्य विकल्प शामिल है.