रायसेन। प्रदेश में जब से सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं, तब से बीजेपी के अपने स्थापित नेताओं के क्षेत्रों में उपजा अंसतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है. रायसेन में बीजेपी कार्यकर्ताओं में समन्वय सम्मेलन के दौरान अंतरकलह एक बार फिर साफ देखने को मिली, जिसका नुकसान बीजेपी को उपचुनाव के समय उठाना पड़ सकता है. जिले में आयोजित समन्वय बैठक में पूर्व मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. गौरीशंकर शेजवार नदारद रहे. इतना ही नहीं सांची सीट से बीजेपी प्रत्याशी रहे उनके बेटे मुदित शेजवार भी बैठक में शामिल नहीं हुए. ये बैठक कांग्रेस से बीजेपी में आए कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल बैठाने के लिए की गई थी.
बैठक के दौरान जहां शेजवार समर्थक कार्यकर्ता गायब दिखे, कांग्रेस से आये नए बीजेपी कार्यकर्ताओं की संख्या ज्यादा दिखाई दी. इस दौरान कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल कार्यकर्ताओं की वजह से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के सामने सोशल डिस्टेंस की धज्जियां भी उड़ाई गईं. कार्यक्रम में विदिशा-रायसेन के सांसद रमाकांत भार्गव, सिलवानी से बीजेपी विधायक पूर्व मंत्री ठाकुर रामपाल सिंह सहित कई दिग्गज नेता मौजूद रहे.
बीजेपी सांसद रमाशंकर भार्गव ने अंतरकलह से इनकार तो नहीं किया, लेकिन सफाई देते हुए कहा कि डॉ. शेजवार और मुदित शेजवार व्यक्तिगत कारणों से बाहर गए हैं. पूर्व मंत्री एवं जिले के चुनाव प्रभारी रामपाल सिंह ने कहा कि दूध में शक्कर घुलने में थोड़ा समय तो लगता हैं, समय आने पर शक्कर को घोल दिया जाएगा.
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए प्रभुराम चौधरी को सांची में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेसी उन्हें आए दिन काले झंडे दिखाते नजर आते हैं और प्रभुराम चौधरी मुर्दाबाद के नारे भी लगाते हैं. कांग्रेसियों उन्हें बिकाऊ राम चौधरी नाम दिया है.