रायसेन। जिले के उदयपुरा विकास खंड में विकास के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. केलकच्छ ग्राम पंचायत में विकास के नाम पर जमकर बंदरबांट की गई है और विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपये की राशि निकालकर सरकार को चूना लगाया गया है. हालांकि ग्रामीणों की शिकायत के बाद सहायक यंत्री को निलंबित कर दिया गया है वहीं सरपंच और सचिव को भी नोटिस जारी किया गया है.
ग्राम पंचायत केलकच्छ में बाजार मोहल्ले की सड़क के ऊपर पानी और कीचड़ के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है. यहां के मोहल्लों में मांग के बाबजूद सड़क नहीं बनाई गई है यही हालत शौचालय को लेकर भी हैं यहां शौचालय तो बने लेकिन गटर ही नहीं बनाये गए, तो कहीं ढक्कन नहीं लगाए गए हैं जो निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे हैं. इसी तरह के हालात प्रधानमंत्री आवास योजना के हैं. यहां जरूरतमंदों को आवास नहीं मिले हैं लेकिन जिनके पास पक्के मकान पहले से हैं उन्हें इस योजना का लाभ दिया गया है.
इन हालातों से परेशान ग्रामीणों की कई बार शिकायत करने के बाद जिला पंचायत हरकत में आई और मामले की जांच कराई गई. इस मामले में सरपंच, सचिव सहित सहायक इंजीनियर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए हैं. रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव के इस मामले में विभागीय पत्र लिखने के बाद विकास आयुक्त ने सहायक यंत्री को निलंबित कर दिया है. वहीं जिला पंचायत CEO ने सरपंच और सचिव को धारा 40 में नोटिस जारी किया है.