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ग्राम पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार, सरपंच, सचिव और इंजीनियर पर कार्रवाई - Administration took Action after corruption

विकास के नाम पर जमकर बंदरबांट किया जा रहा है, कई बार ग्रामीणों द्वारा शिकायत करने के बाद सरपंच, सचिव और इंजीनियर पर कार्रवाई की गई है.

Corruption in gram panchayat
ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार
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Published : Jan 18, 2020, 11:53 AM IST

रायसेन। जिले के उदयपुरा विकास खंड में विकास के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. केलकच्छ ग्राम पंचायत में विकास के नाम पर जमकर बंदरबांट की गई है और विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपये की राशि निकालकर सरकार को चूना लगाया गया है. हालांकि ग्रामीणों की शिकायत के बाद सहायक यंत्री को निलंबित कर दिया गया है वहीं सरपंच और सचिव को भी नोटिस जारी किया गया है.

भ्रष्टाचार पर कार्रवाई


ग्राम पंचायत केलकच्छ में बाजार मोहल्ले की सड़क के ऊपर पानी और कीचड़ के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है. यहां के मोहल्लों में मांग के बाबजूद सड़क नहीं बनाई गई है यही हालत शौचालय को लेकर भी हैं यहां शौचालय तो बने लेकिन गटर ही नहीं बनाये गए, तो कहीं ढक्कन नहीं लगाए गए हैं जो निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे हैं. इसी तरह के हालात प्रधानमंत्री आवास योजना के हैं. यहां जरूरतमंदों को आवास नहीं मिले हैं लेकिन जिनके पास पक्के मकान पहले से हैं उन्हें इस योजना का लाभ दिया गया है.


इन हालातों से परेशान ग्रामीणों की कई बार शिकायत करने के बाद जिला पंचायत हरकत में आई और मामले की जांच कराई गई. इस मामले में सरपंच, सचिव सहित सहायक इंजीनियर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए हैं. रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव के इस मामले में विभागीय पत्र लिखने के बाद विकास आयुक्त ने सहायक यंत्री को निलंबित कर दिया है. वहीं जिला पंचायत CEO ने सरपंच और सचिव को धारा 40 में नोटिस जारी किया है.

रायसेन। जिले के उदयपुरा विकास खंड में विकास के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. केलकच्छ ग्राम पंचायत में विकास के नाम पर जमकर बंदरबांट की गई है और विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपये की राशि निकालकर सरकार को चूना लगाया गया है. हालांकि ग्रामीणों की शिकायत के बाद सहायक यंत्री को निलंबित कर दिया गया है वहीं सरपंच और सचिव को भी नोटिस जारी किया गया है.

भ्रष्टाचार पर कार्रवाई


ग्राम पंचायत केलकच्छ में बाजार मोहल्ले की सड़क के ऊपर पानी और कीचड़ के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है. यहां के मोहल्लों में मांग के बाबजूद सड़क नहीं बनाई गई है यही हालत शौचालय को लेकर भी हैं यहां शौचालय तो बने लेकिन गटर ही नहीं बनाये गए, तो कहीं ढक्कन नहीं लगाए गए हैं जो निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे हैं. इसी तरह के हालात प्रधानमंत्री आवास योजना के हैं. यहां जरूरतमंदों को आवास नहीं मिले हैं लेकिन जिनके पास पक्के मकान पहले से हैं उन्हें इस योजना का लाभ दिया गया है.


इन हालातों से परेशान ग्रामीणों की कई बार शिकायत करने के बाद जिला पंचायत हरकत में आई और मामले की जांच कराई गई. इस मामले में सरपंच, सचिव सहित सहायक इंजीनियर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए हैं. रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव के इस मामले में विभागीय पत्र लिखने के बाद विकास आयुक्त ने सहायक यंत्री को निलंबित कर दिया है. वहीं जिला पंचायत CEO ने सरपंच और सचिव को धारा 40 में नोटिस जारी किया है.

Intro:रायसेन-देश के प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भी ग्रामीण विकास के लिए नित नई योजनाएं ला रहे है।लेकिन ग्रामीण विकास की हकीकत में जनप्रतिनिधियो के भृष्टाचार की भेंट चढ़ रहे है।गांव की सड़क हो पानी,शौचालय जैसी मूलभूत आवश्यक योजनाएं भी स्थानीय जनप्रतिनिधियो के भ्र्ष्टाचार की भेंट चढ़ रही है।जिन अधिकारियो पर इन योजनाओ के क्रियान्वयन की जबाबदेही है वह भी इस बहती गंगा में हाथ धोने में गुरेज नही कर रहे है।ताजा मामला रायसेन जिले के उदयपुरा विकास खण्ड की केलकच्छ ग्राम पंचायत का है।जहां विकास के नाम पर जमकर बंदरबांट की गई है और लाखों रुपये की राशि निकालकर कर सरकार को चुना लगाया गया है।हालांकि ग्रामीणों की शिकायत के बाद सहायक यंत्री को निलंबित कर दिया गया है और सरपंच और सचिव को धारा 40 का नोटिस जारी किया गया है।




Body:वही ग्राम पंचायत केलकच्छ में सरपंच ससचिव ने तो ऐसा कमाल कर दिया कि शायद कोई न कर पाए सरपंच सचिव ने दो मदो से एक ही सड़क बनबा दी है।वहीं बनी सड़क पर ही दोबारा सड़क बना दी गई।केलकच्छ का बाजार कहलाने बाला मोहल्ले में सड़क के ऊपर पानी और कीचड़ के अलावा कुछ भी दिखाई नही दे रहा है। वही एक अन्य मोहल्ले में जिसमे 400 से अधिक लोग रहते है वहां मांग के बाबजूद सड़क नही बनाई गई।कमोवेश यही हालत सौचालय के है गांव में शौचालय तो बने लेकिन गटर ही नही बनाये गए,तो कहीं ढक्कन नही लगाए गए है,तो कहीं सोचालय में ऊपर छत नही है, तो कहीं शीट ही नही लगाई गई है।कमोवेश इसी तरह के हालात प्रधानमंत्री आवास योजना के है।जहां जरूरतमंदों को तो आवास नही मिले लेकिन जो सम्पन्न और जिनके पक्के मकान थे उन्हें इस योजना का लाभ दिया गया।
ग्रामीणों ने काफी प्रयास किये और हर जगह शिकायत के बाद जिला प्रसाशन का जिला पंचायत विभाग हरकत में आया।मामले की जांच कराई गई जिसमें सरपंच,सचिव सहित सहायक इंजीनियर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए।रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव के इस मामले में विभागीय पत्र लिखने के बाद विकास आयुक्त ने सहायक यंत्री को निलम्बित कर दिया है।वही जिला पंचायत CEO ने सरपंच और सचिव को धारा 40 में नोटिस जारी किया है।बही इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को भी पलीता लगाया जा रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोनों ही ड्रीम प्रोजेक्ट है शौचालय और प्रधानमंत्री आवास योजना,दोनों पर है पलीता लगाया जा रहा है।

Byte-राजेन्द्र सिंह चंदेल ग्रामीण।

Byte-राम जी पटेल ग्रामीण।

Byte--धुरिया सिंह ग्रामीण।

Byte-उमाशंकर भार्गव कलेक्टर।




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