रायसेन। कुछ समय पहले तक चूल्हा-चौका और घर के कामकाज में दिनभर व्यस्त रहने वाली सांची जनपद के ग्राम सिलवाहा निवासी रीना बाई अब सांची जनपद कार्यालय में आजीविका कैंटीन चला रही हैं. रीना बाई ने बताया कि पहले उनका पूरा समय घर घर के कामकाज में ही बीत जाता था. वही पति मजदूरी करते थे, जिससे दो वक्त की रोटी बड़ी मुश्किल से जुटा पाते थे. लेकिन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनकी बदल गई.
उन्नति संकुल स्तरीय संगठन संची के अंतर्गत आजीविका कैंटीन संचालित कर रही रीना बाई ने बताया कि जनपद परिसर में कैंटीन होने से उन्हें बहुत मदद मिली हैं. जनपद कार्यालय में काम के लिए कई लोग आते हैं, जिससे उनकी कैंटीन कि भी अच्छी ग्राहकी हो जाती हैं. रीना बाई ने बताया 250-300 रूपए की आमदानी हो जाती है और कई बार 400 रूपए प्रतिदिन तक की आमदानी भी हो जाती है.
कुछ समय पहले राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी गांव आए थे, जहां महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया था. समूह से जुड़ने के बाद महिलाओं द्वारा छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू किए गए, जिसके बाद सभी के जीवन में आर्थिक स्थिति को लेकर बदलाव आने लगे. रीना बाई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देते हुए कहा कि आजीविका मिशन से महिलाओं को जागरूक और आत्मनिर्भर बनने में बहुत मदद मिल रही है.