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14 दिवसीय रामलीला का समापन, 51 फीट ऊंचे रावण के पुतला का किया गया दहन - raisen news

रायसेन में चल रहे 14 दिवसीय रामलीला का समापन किया गया. जिसके बाद 51 फीट ऊंचे रावण का पुतला दहन किया गया. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.

Jalaga 51 feet high effigy of Ravana
रामलीला के समापन के बाद हुआ रावण दहन
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Published : Jan 10, 2020, 3:53 AM IST

रायसेन। शहर में सांची रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे 14 दिवसीय रामलीला का समपान किया गया. जिसके बाद भगवान श्रीराम ने युद्ध में रावण को पराजित करते हुए लंकापति का वध किया. इस प्रकार एक बार फिर असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक रावण का अंत हुआ.

रामलीला के समापन के बाद हुआ रावण दहन

इस अवसर पर रामलीला समिति द्वारा 51 फीट ऊंचा रावण के पुतला दहन किया गया. इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी की गई. इस मौके पर बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद रहे.

बता दें कि इस से पहले नगर में चल रही श्रीराम लीला में रविवार को भगवान राम व रावण की सेना का युद्ध हुआ. इस दौरान मेघनाद ने ब्रह्मशक्ति का प्रयोग कर लक्ष्मण पर प्रहार किया, जिससे ब्रह्मशक्ति लगने से वह मूर्छित हो गए. युद्ध के दौरान अतिकाय सहित कई राक्षसों ने भगवान राम की सेना से युद्ध किया, जिसमें सभी मारे गए.

रायसेन। शहर में सांची रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे 14 दिवसीय रामलीला का समपान किया गया. जिसके बाद भगवान श्रीराम ने युद्ध में रावण को पराजित करते हुए लंकापति का वध किया. इस प्रकार एक बार फिर असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक रावण का अंत हुआ.

रामलीला के समापन के बाद हुआ रावण दहन

इस अवसर पर रामलीला समिति द्वारा 51 फीट ऊंचा रावण के पुतला दहन किया गया. इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी की गई. इस मौके पर बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद रहे.

बता दें कि इस से पहले नगर में चल रही श्रीराम लीला में रविवार को भगवान राम व रावण की सेना का युद्ध हुआ. इस दौरान मेघनाद ने ब्रह्मशक्ति का प्रयोग कर लक्ष्मण पर प्रहार किया, जिससे ब्रह्मशक्ति लगने से वह मूर्छित हो गए. युद्ध के दौरान अतिकाय सहित कई राक्षसों ने भगवान राम की सेना से युद्ध किया, जिसमें सभी मारे गए.

Intro:सांची,आज नगर में चल रही रामलीला में आज भगवान श्री राम ने युद्ध में रावण को पराजित करते हुए उसका वध किया । इस प्रकार असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक रावण का अंत हो गयाBody:नगर में चल रही १८ दिवसीय सांची रामलीला समिति के तत्वावधान में आयोजित रामलीला में भगवान श्री राम तथा लंकापति रावण के बीच जमकर युद्ध हुआ इस युद्ध में रावण के क ई योद्धा वीरगति को प्राप्त हुए तथा रावण महाकाल की उपासना में लीन रहा तथा भगवान शिव की आराधना कर युद्ध के मैदान में पहुंचा उसने देखा उसके भाई विभीषण के भगवान राम के पास पहुंचने से लंका के सारे रहस्य भगवान राम तक पहुंच चुके होंगे तब रावण ने अपनी वीरदात्री शक्ति का निरीक्षण किया तब भगवान राम ने आगे बढ़कर विभीषण की रक्षा की तभी रावण समझा कि राम कोई साधारण नहीं है ये अवश्य ही नारायण के अवतार होंगे तभी रावण के मन में आया कि मोक्ष पाने का रास्ता राम के हाथों मेरे वध से मिलेगा तथा राम के हाथों मेरा वध ही मेरे लिए सोभाग्य होगा तब लंकापति अंतिम क्षण तक भगवान राम से युद्ध करता रहा अंत में भगवान राम के हाथों रावण वीरगति को प्राप्त हुआ इस प्रकार रावण पंचतत्व में विलीन हो गया ।




इस प्रकार असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक रावण का अंत हो गया एवं वह धूं-धूं कर जल उठा । इस अवसर पर रामलीला समिति द्वारा ५१ फिट ऊंचा रावण बनाया गया था जिसका पुतला दहन किया गया रावण वध के उपरांत रावण पुतला दहन के अवसर पर भारी आतिशबाजी हुई । इस अवसर पर नगर वासियों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भारी संख्या में जनसैलाब उमड़ा था इस अवसर पर रावण का वध होते हुए देश-विदेश से आये सैकड़ों पर्यटकों ने भी रावण वध की लीला का मंचन देखकर आनंद उठाया । इस ऐतिहासिक नगरी में रामलीला समिति के तत्वावधान में रावण वध कार्यक्रम संपन्न हुआ। Conclusion:
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