पन्ना: हर बार नसबंदी शिविर में लापरवाही की खबरें आती हैं और अब ये आम हो गई हैं, लेकिन इन लापरवाहियों के नतीजे उतने ही गंभीर हैं. अक्सर सुनने में आता है कि शिविर के दौरान महिलाओं को नसबंदी करने के बाद जमीन पर ही लिटा दिया जाता है, अस्पताल में उतने पलंग नहीं होती जितनी महिलाएं शिविर में नसबंदी कराने पहुंचती हैं. पन्ना जिले से भी एक मामला ऐसा ही सामने आया है. जिसमें महिलाओं का ऑपरेशन किया गया और इस कड़कड़ाती ठंड में उन्हें अस्पताल के बाहर लिटा दिया.
केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं. इतना ही नहीं इन महिलाओं की अच्छी सेहत के लिए पानी की तरह पैसा भी बहाया जा रहा है, लेकिन पन्ना में लापरवाह स्वास्थ विभाग इन महिलाओं की जान से खिलवाड़ करता नजर आ रहा है. जिला अस्पताल में कुछ ऐसा ही नसबंदी शिविर के दौरान देखने को मिला जहां नसबंदी के बाद महिलाओं के साथ किसी जानवर की तरह सुलूक किया गया.
गेट के बाहर सड़क पर लेटी रहीं महिलाएं
पन्ना जिला चिकित्सालय में महिला नसबंदी शिविर लगाया गया है, जहां दूरस्थ ग्रामीण अंचलों से आई महिलाओं की नसबंदी की गई. लेकिन नसबंदी के बाद महिलाओं को इस कपा देने वाली ठंड में उनके हाल पर ही छोड़ दिया. कई महिलाएं घर जाने के लिए जिला चिकित्सालय के गेट के बाहर सड़क पर लेटी दिखाई दी, इस लापरवाही में महिलाओं की जान भी जा सकती थी. लेकिन स्वास्थ विभाग को जैसे इन महिलाओं की कोई फिक्र ही न हो.
मिला वही रटा-रटाया जवाब
ऐसा लगता है, स्वास्थ विभाग ने महिलाओं को सुरक्षित घर पहुंचाना अपनी जिम्मेदारी ही नहीं समझी और घंटों वाहन के इंतजार में महिलाएं सड़क पर लेटी इंतजार करती रहीं. वहीं जब इस पूरे मामले में सीएमएचओ से बात की गई तो उन्होंने वही रटा-रटाया कार्रवाई करने की बात का जवाब देते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया.