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खरीदी केंद्रों पर खुले में रखा हजारों टन अनाज बारिश में बर्बाद, कौन है जिम्मेदार?

खरीदी केंद्रों पर मानसून से पहले हुई जोरदार बारिश से खुले में रखा हजारों टन अनाज बर्बाद हो गया. जिसे अब गरीबों तक पहुंचाने के लिए खराब होने के बाद वेयरहाउस में भरा जा रहा है.

Grain damaged by rain
बारिश से बर्बाद हुआ अनाज
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Published : Jun 17, 2020, 5:14 PM IST

पन्ना। पन्ना जिले में गेहूं खरीदी केंद्रों पर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. खरीदी केंद्रों में खुले में रखा अनाज मानसून से पहले हुई जोरदार बारिश से भीग गया था, लेकिन जिम्मेदारों ने कोई उचित इंताजम नहीं किया और उनकी लापरवाही के चलते हजारों टन अनाज पूरी तरह बर्बाद हो गया है.

बारिश से बर्बाद हुआ अनाज

इतना ही नहीं कुछ खरीदी केंद्रों में तो भीगे हुए अनाज में सड़न पैदा हो गई थी, इसके बावजूद प्रबंधन की लापरवाही के बाद अब खराब अनाज को ट्रॉन्सपोर्ट के माध्यम से वेयर हाउस तक पहुंचाया जा रहा है. जिले के वरिष्ठ अधिकारी अब तक मूकदर्शक बनकर देख रहे हैं.

पूरे मामले में समिति प्रबंधक और वेयरहाउस प्रबंधन पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि दोनों विभागों के बीच सांठगाठ है, अब पूरे मामले को दबाने के लिए बारिश से खराब हुआ अनाज खरीदी केंद्रों से वेयरहाउस तक पहुंचाया जा रहा है. ये हजारों मीट्रिक टन खराब गेहूं गरीबों का निवाला बनाने के लिए उनके घर तक पहुंचाया जाएगा, लेकिन सवाल ये है कि जिस अनाज को जानवर तक नहीं खा सकते, वो अनाज लोगों को खाने के लिए पहुंचाया जाएगा.

पन्ना। पन्ना जिले में गेहूं खरीदी केंद्रों पर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. खरीदी केंद्रों में खुले में रखा अनाज मानसून से पहले हुई जोरदार बारिश से भीग गया था, लेकिन जिम्मेदारों ने कोई उचित इंताजम नहीं किया और उनकी लापरवाही के चलते हजारों टन अनाज पूरी तरह बर्बाद हो गया है.

बारिश से बर्बाद हुआ अनाज

इतना ही नहीं कुछ खरीदी केंद्रों में तो भीगे हुए अनाज में सड़न पैदा हो गई थी, इसके बावजूद प्रबंधन की लापरवाही के बाद अब खराब अनाज को ट्रॉन्सपोर्ट के माध्यम से वेयर हाउस तक पहुंचाया जा रहा है. जिले के वरिष्ठ अधिकारी अब तक मूकदर्शक बनकर देख रहे हैं.

पूरे मामले में समिति प्रबंधक और वेयरहाउस प्रबंधन पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि दोनों विभागों के बीच सांठगाठ है, अब पूरे मामले को दबाने के लिए बारिश से खराब हुआ अनाज खरीदी केंद्रों से वेयरहाउस तक पहुंचाया जा रहा है. ये हजारों मीट्रिक टन खराब गेहूं गरीबों का निवाला बनाने के लिए उनके घर तक पहुंचाया जाएगा, लेकिन सवाल ये है कि जिस अनाज को जानवर तक नहीं खा सकते, वो अनाज लोगों को खाने के लिए पहुंचाया जाएगा.

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