सीधी: कलेक्ट्रेट कार्यालय में शुक्रवार को आम दिनों की भांति सब कुछ सामान्य चल रहा था कि इसी दौरान लोकायुक्त की दो गाड़ियों में भरकर 12 सदस्यीय टीम ने छापा मारा. लोकायुक्त की टीम ने कलेक्टर के चेंबर की दूसरी मंजिल में प्रवेश किया. यहां आदिवासी विकास विभाग के दफ्तर में हड़कंप मच गया. यहां लोकायुक्त ने सहायक आयुक्त को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, विभाग के प्यून से रिश्वत ली जा रही थी.
ट्रांसफर कैंसिल करने के लिए मांगे 20 हजार
शुक्रवार दोपहर 1 बजे आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त डॉ.डीके द्विवेदी को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया. लोकायुक्त के अनुसार प्यून सुखलाल कोल से 20 हजार रुपए की माग की गई थी. जहां 15 हजार रुपए पहले ही ले लिए गए थे. 5 हजार रुपए शेष थे, जो शुक्रवार को लिए जा रहे थे. फरियादी प्यून सुखलाल कोल ने बताया "वह सुखवारी के छात्रावास में पदस्थ था. उसका ट्रांसफर अमरबाह कर दिया गया था, जो घर से काफी दूर था. उसका रिटायरमेंट का समय आ रहा है, इसलिए उसने ट्रांसफर रद्द करने की मांग की."
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रिश्वत की शेष किस्त लेते समय पड़ गया छापा
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह ने बताया "ट्रांसफर रद्द करने का आग्रह करने पर सहायक आयुक्त डॉ.डीके द्विवेदी ने प्यून सुखलाल से 20 हजार की मांग की. वह ₹15 हजार दे चुका था. शेष किस्त ₹5 हजार रुपये देने के दौरान रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया." छापे के बाद लोकायुक्त ने सर्किट हाउस जाकर अगली कार्रवाई की. बता दें कि मध्यप्रदेश में लोकायुक्त की लगातार छापे पड़ रहे हैं. लोग पकड़े भी जा रहे हैं लेकिन रिश्वत के मामले कम होने की वजाय बढ़ते जा रहे हैं.