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विकास की अनदेखी से उड़की गांव के लोग नाराज, घरों में चुनाव बहिष्कार के लिखे नारे - gannaur janpad panchayat

आजादी के 70 सालों बाद भी पन्ना का एक गांव आधुनिक चकाचौंध से दूर है.गांव में ना तो बिजली आती है और ना ही सड़क बनी है इस बार ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए किसी भी नेता को वोट ना देने का एलान किया है.

panna
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Published : Mar 13, 2019, 8:55 PM IST

पन्ना: मध्य प्रदेश का पन्ना जिला यूं तो मंदिरों, झीलों और हीरों की खान के लिए मशहूर है, लेकिन यहां के कई गांव ऐसे हैं जो आजादी के 70 सालों बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. पन्ना के गन्नौर जनपद पंचायत में आने वाले उड़की गांव में आज भी लोगों को सड़क, पानी ,स्कूल, बिजली की समस्या से दो चार होना पड़ता है.

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गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से नाराज लोगों ने अपने घरों में श्लोगन लिखा दिया है कि यदि गांव में रोड नहीं तो वोट नहीं, इसके साथ ही ग्रामीणों ने चुनाव में नेताओं को वोट ना देने फैसला किया है. ग्रामीणों का कहना है कि नेता चुनाव के समय तो वोट मांगने आ जाते हैं और बड़े-बड़े वादे करके चले जाते हैं. लेकिन चुनाव के बाद फिर वो कभी मुडकर नहीं देखते हैं. इसलिए सभी ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है कि किसी भी नेता को वोट नहीं दिया जाएगा.

ग्रामीणों की नाराजगी पर अपर कलेक्टर ने कहा कि इस बार ग्रामीणों को समझाया जाएगा कि वे अपने मत का इस्तेमाल करें और उनको चुने जो गांव का विकास करा सके.

पन्ना: मध्य प्रदेश का पन्ना जिला यूं तो मंदिरों, झीलों और हीरों की खान के लिए मशहूर है, लेकिन यहां के कई गांव ऐसे हैं जो आजादी के 70 सालों बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. पन्ना के गन्नौर जनपद पंचायत में आने वाले उड़की गांव में आज भी लोगों को सड़क, पानी ,स्कूल, बिजली की समस्या से दो चार होना पड़ता है.

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गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से नाराज लोगों ने अपने घरों में श्लोगन लिखा दिया है कि यदि गांव में रोड नहीं तो वोट नहीं, इसके साथ ही ग्रामीणों ने चुनाव में नेताओं को वोट ना देने फैसला किया है. ग्रामीणों का कहना है कि नेता चुनाव के समय तो वोट मांगने आ जाते हैं और बड़े-बड़े वादे करके चले जाते हैं. लेकिन चुनाव के बाद फिर वो कभी मुडकर नहीं देखते हैं. इसलिए सभी ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है कि किसी भी नेता को वोट नहीं दिया जाएगा.

ग्रामीणों की नाराजगी पर अपर कलेक्टर ने कहा कि इस बार ग्रामीणों को समझाया जाएगा कि वे अपने मत का इस्तेमाल करें और उनको चुने जो गांव का विकास करा सके.

Intro:पन्ना को यू तो मंदिरो, झीलों और हीरो की नगरी के नाम से जाना जाता है लेकिन पन्ना के कई ग्राम ऐसे है जो आजादी के बाद से भी मूलभूत सुविधाओं के लिए वंचित है ऐसा ही एक गांव है पन्ना के गन्नौर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले सरहंजा पंचायत का उड़की जहा आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। जिससे परेशान हो कर ग्रामीणों ने आने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की ठान ली है।


Body:एंकर :- सड़क और पानी न होने की वजह से ग्रामीणों ने घरों में श्लोगन लिख लिए है कि रोड नही तो वोट नही, जो भी नेता आएगा जूते खा कर जाएगा इतना ही नही ग्रामीणों ने चुनाव का एक साथ बहिष्कार करने की बात कही।


Conclusion:बीओ :- 1 ग्रामीणों का कहना है कि नेता वोट मांगने का जाते है ओर फिर उन्हें भूल जाते है सड़क न होने की वजह से लोगो को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है बच्चे स्कूल नही जा पाते है और बरसात में केदियो की तरह कैद हो जाते है सड़क न होने की वजह से वहां की लड़कियों की शादी नही हो पा रही है वे किसी की तबियत खराब हो जाती है तो खाट में ले जाना पड़ता है। जिस कारण से ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने की बात की। इस मामले में जब अपर कलेक्टर से बात की गई तो उनका कहना था कि ग्रामीणों से मौके पर जा कर समझाईश दी जायेगी की वे अपने मत का प्रयोग करे इतना ही नही ग्रामीणो की समस्याओं का समाधान करने की बात भी कही। बाइट :- 1 पंकज पाण्डेय (ग्रामवासी) बाइट :- 2 कुसुम बाई (ग्रामवासी ) बाइट :- 3 जमुना पाण्डेय (छात्रा) बाइट :- 4 राजेश कुमार ओगरे (अपर कलेक्टर पन्ना)
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