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अजब एमपी का गजब प्रशासन! पात्र हितग्राहियों को भी घोषित कर दिया अपात्र

केंद्र सरकार भले ही गरीब और बेसहारा परिवारों को पक्के मकान बनाकर देना चाहती है, लेकिन अधिकारी-कर्मचारी पात्र हितग्राहियों को भी अपात्र घोषित कर रहे हैं.

Eligible beneficiaries are being called ineligible outside
पात्र हितग्राहियों को अपात्र बताया किया जा रहा है बाहर
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Published : Dec 23, 2019, 1:46 PM IST

Updated : Dec 23, 2019, 3:24 PM IST

पन्ना। केंद्र सरकार की महत्वांकाक्षी योजना 'प्रधानमंत्री आवास योजना' का असर अब राज्यों में फीका पड़ता जा रहा है. जिसके तहत मिलने वाले मकान गरीबों के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रहे हैं. ऐसा ही एक मामला पन्ना के ककरहती नगर पंचायत में सामने आया है. जहां हितग्राहियों के पात्र होने के बाद भी उन्हें अपात्रों की सूची में डाल दिया जा रहा है.

पात्र हितग्राहियों को किया अपात्र बताया किया जा रहा है बाहर

हितग्राही मोती ढीमर के मुताबिक, उनका नाम पहले पात्रों की सूची में था, लेकिन अचानक से उनका नाम अपात्रों की सूची में डाल दिया गया है. इसके लिए उन्होंने कलेक्टर से बात कर मामले में हस्तक्षेप करने का निवेदन किया है, वहीं कलेक्टर ने हितग्राही को आश्वासन देते हुए कहा कि मामले की जांच कराएंगे. ककरहती नगर पंचायत के अध्यक्ष श्याम बिहारी कोरी ने बताया कि हितग्राही का नाम काटने का कोई उद्देश्य नहीं है. हालांकि, उन्होंने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है और ये मामल कलेक्टर, तहसीलदार के अधीन आता है.

तहसीलदार दिव्या जैन ने कहा कि उनके संज्ञान में अभी ये मामला आया है. सीएमओ से इस मामले को लेकर इस बात की चर्चा की जा चुकी है और जांच के निर्देश दिए गए हैं.

पन्ना। केंद्र सरकार की महत्वांकाक्षी योजना 'प्रधानमंत्री आवास योजना' का असर अब राज्यों में फीका पड़ता जा रहा है. जिसके तहत मिलने वाले मकान गरीबों के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रहे हैं. ऐसा ही एक मामला पन्ना के ककरहती नगर पंचायत में सामने आया है. जहां हितग्राहियों के पात्र होने के बाद भी उन्हें अपात्रों की सूची में डाल दिया जा रहा है.

पात्र हितग्राहियों को किया अपात्र बताया किया जा रहा है बाहर

हितग्राही मोती ढीमर के मुताबिक, उनका नाम पहले पात्रों की सूची में था, लेकिन अचानक से उनका नाम अपात्रों की सूची में डाल दिया गया है. इसके लिए उन्होंने कलेक्टर से बात कर मामले में हस्तक्षेप करने का निवेदन किया है, वहीं कलेक्टर ने हितग्राही को आश्वासन देते हुए कहा कि मामले की जांच कराएंगे. ककरहती नगर पंचायत के अध्यक्ष श्याम बिहारी कोरी ने बताया कि हितग्राही का नाम काटने का कोई उद्देश्य नहीं है. हालांकि, उन्होंने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है और ये मामल कलेक्टर, तहसीलदार के अधीन आता है.

तहसीलदार दिव्या जैन ने कहा कि उनके संज्ञान में अभी ये मामला आया है. सीएमओ से इस मामले को लेकर इस बात की चर्चा की जा चुकी है और जांच के निर्देश दिए गए हैं.

Intro:पन्ना।
एंकर - भारत सरकार भले ही गरीब परिवार एवं बेसहारा परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देकर भारत को कच्चे मकान की जगह पक्के मकान बनाकर नया हिन्दुतान बनाने में जुटे हैं वही उनके अधिकारी और कर्मचारी इन योजना के विपरीत ही बह रहे हैं प्रधानमंत्री आवास योजना में जिन हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलना चाहिए उन्हें इन योजनाओं से बंचित रखा जा रहा है और अपात्र को पात्र करने में जुटे जिसमे धनबल और रसूखदारओं को ही प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया जा रहा है

Body:ऐसा ही मामला पन्ना जिले की देवनगर तहसील अंतर्गत ककरहटी नगर पंचायत में देखा गया जहां 797 लोगों की लिस्ट में से उन 19 नामो को काट दिया है जो वास्तव में पात्रता की श्रेणी में हैं वहीं दूसरी ओर रसूखदार जिनके पक्के मकान औऱ हबेली जैसे मकान बने हैं उन अमीर लोगों को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है ककरहटी नगर पंचायत के 797 लोगों की आवास लिस्ट की जब सर्वे की गई तब उन में से ऐसे 19 लोगों का नाम काट दिया जो बेबस और लाचार हैं दूसरी ओर रसूखदारओं को पात्र हितग्राही के सर्वे में रख दिया जिसका जीता जागता उदाहरण ककरहटी नगर पंचायत के वार्ड नंबर 14 का है जहां मोती ढीमर ने बताया कि मैं दर दर की ठोकरे खा रहा हूँ और मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहा हूँ और ना तो मेरे पास रहने को घर है और ना ही जमीन, बस एक कच्चा मकान है जो किसी भी वक्त ढह सकता है मेरा नाम आवास की पात्र लिस्ट में शामिल था मगर तहसीलदार की बनाई टीम ने सर्वे कर लिस्ट से नाम काट कर मुझे अपात्र कर दिया जिससे परेशान होकर रोज कागज लेकर नगर पंचायत जाता हूँ औऱ अपनी किस्मत को कोसता हूँ।जब नगर पालिका पहुंचता हूँ तो सीएमओ साहब कलेक्टर साहब का हबला देकर भगा देतें है कि जाओ कलेक्टर से सुनाओ जो तुमको पात्र कर सकते हैं मगर मेरे लिए पन्ना कलेक्टर कार्यालय जाना दिल्ली जाने के बराबर है।


Conclusion:वहीँ इस पूरे मामले को लेकर जब नगर पंचायत अध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने इस पूरे मामले का ठीकरा कलेक्टर और तहसीलदार पर मढ़ दिया और कहाकि सर्वे तहसीलदार ने करवाया है जिसमें एक गरीब आदमी का नाम काट दिया गया है यह प्रशासनिक अधिकारियों की गलती है एक गरीब आदमी का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना से काट दिया गया। देवेंद्रनगर तहसीलदार का कहना है कि हम फिर से सर्वे कराएंगे और गरीब को लाभ दिलाएंगे यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।अब देखना होगा कि इस बे ढंग की सर्वे से गरीब का नाम जो काट दिया गया है बो जोड़ा कब जाएगा या वो आपत्र ही रह जाएगा के प्रशासन अपनी गलतियों को सुधार कर उस गरीब हितग्राही को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पुनः दिला पाएगा।
बाइट - 1 मोती ढीमर (गरीब आपत्र हितग्राही)

बाइट - 2 श्याम विहारी कोरी (अध्यक्ष, नगर पंचायत ककरहती)

बाइट - 3 दिव्या जैन (तहसीलदार देवेंद्रनगर)
Last Updated : Dec 23, 2019, 3:24 PM IST
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