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ICU में जिला अस्पताल! महीनों से प्यासा ट्रामा यूनिट, पीकों से रंगी दीवारें, लगा गंदगी का अंबार

पन्ना जिला अस्पताल मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. यहां न तो पानी की कोई व्यवस्था है और न ही यहां के सीसीटीवी कैमरे चलते हैं.

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Published : Feb 25, 2020, 8:43 PM IST

Updated : Feb 25, 2020, 9:38 PM IST

trauma center
ट्रामा यूनिट में नहीं है सुविधाएं

पन्ना। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में ओपीडी और रजिस्ट्रेशन कक्ष को शिफ्ट किए जाने के 4 माह से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं की गई, जबकि मरीजों के परिजनों और अस्पताल स्टाफ ने पूरे अस्पताल की दीवारों को पीकदान बना दिया है.

ट्रामा यूनिट में नहीं है सुविधाएं

अस्पताल में एक सप्ताह के अंदर ही कई चोरियां भी हुई हैं, सीसीटीवी कैमरे महज दिखावा बनकर रह गए हैं, अस्पताल प्रशासन के दबाव के चलते जिला अस्पताल के ओपीडी और रजिस्ट्रेशन कक्ष को ट्रामा यूनिट भवन में शिफ्ट कर दिया गया था. अस्पताल प्रबंधन को ध्यान दिलाने के बावजूद अभी तक पेयजल की व्यवस्था नहीं हुई है. हालात ये है कि मरीजों को होटल से पानी भर कर लाना पड़ता है. इतना ही नहीं जिला चिकित्सालय में चारों ओर गंदगी का अंबार लगा है.

जिला अस्पताल में लाखों रुपए की लागत से करीब 2 साल पहले पुराने भवन में 16 सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए गए थे, जो बंद पड़े हैं. मरीजों का हाल बेहाल है, गंदगी में मरीजों को संक्रमण होने का खतरा भी मंडरा रहा है. इतना ही नहीं जिम्मेदार सीएमएचओ या सिविल सर्जन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बार-बार ध्यान आकर्षित करवाने के बाद भी जिम्मेदार कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं.

पन्ना। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में ओपीडी और रजिस्ट्रेशन कक्ष को शिफ्ट किए जाने के 4 माह से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं की गई, जबकि मरीजों के परिजनों और अस्पताल स्टाफ ने पूरे अस्पताल की दीवारों को पीकदान बना दिया है.

ट्रामा यूनिट में नहीं है सुविधाएं

अस्पताल में एक सप्ताह के अंदर ही कई चोरियां भी हुई हैं, सीसीटीवी कैमरे महज दिखावा बनकर रह गए हैं, अस्पताल प्रशासन के दबाव के चलते जिला अस्पताल के ओपीडी और रजिस्ट्रेशन कक्ष को ट्रामा यूनिट भवन में शिफ्ट कर दिया गया था. अस्पताल प्रबंधन को ध्यान दिलाने के बावजूद अभी तक पेयजल की व्यवस्था नहीं हुई है. हालात ये है कि मरीजों को होटल से पानी भर कर लाना पड़ता है. इतना ही नहीं जिला चिकित्सालय में चारों ओर गंदगी का अंबार लगा है.

जिला अस्पताल में लाखों रुपए की लागत से करीब 2 साल पहले पुराने भवन में 16 सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए गए थे, जो बंद पड़े हैं. मरीजों का हाल बेहाल है, गंदगी में मरीजों को संक्रमण होने का खतरा भी मंडरा रहा है. इतना ही नहीं जिम्मेदार सीएमएचओ या सिविल सर्जन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बार-बार ध्यान आकर्षित करवाने के बाद भी जिम्मेदार कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं.

Last Updated : Feb 25, 2020, 9:38 PM IST
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