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पन्ना टाइगर रिजर्व में फिर बाघ की मौत, 5-6 दिन बाद विभाग को चला पता - Tiger's body found in Panna Tiger Reserve

टाइगर रिजर्व पन्ना में बाघों की संदिग्ध मौत का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है. महीने भर के अंदर आज एक और बाघ की मौत हो गई. पन्ना की गहरी घट रेंज की मझौली बीट में कक्ष क्रमांक पी-511 में एक नर बाघ का कंकाल मिला है. बाघ का शव क्षत-विक्षत हालत ने मिलने और उससे भीषण बदबू आने की वजह से मृत्यु 5 से 6 दिन पूर्व होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

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बाघ की संदिग्ध मौत(फाइल फोटो)
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Published : Jul 28, 2020, 11:05 AM IST

Updated : Jul 28, 2020, 11:52 AM IST

पन्ना। टाइगर रिजर्व पन्ना में बाघों की संदिग्ध मौत का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है. महीने भर के अंदर आज एक और बाघ की मौत हो गई. पन्ना की गहरी घट रेंज की मझौली बीट में कक्ष क्रमांक पी-511 में एक नर बाघ का कंकाल मिला है. बाघ का शव क्षत-विक्षत हालत ने मिलने और उससे भीषण बदबू आने की वजह से मृत्यु 5 से 6 दिन पूर्व होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

लगभग 5 वर्ष की आयु वाले इस वयस्क बाघ की मौत का पता भी कई दिनों बाद चलने से पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा और निगरानी से जुड़ी बड़ी चूक फिर उजागर हुई है. बाघों के कुल क्षेत्र में बाघों की मौत की घटनाओं पर फील्ड स्टाफ की एक ही तरह की लापरवाही बार-बार सामने आने से बाघों की लचर सुरक्षा का पता चलता है, तमाम प्रयासों के बाद भी अब तक इसमें सुधार नहीं हो सका है.

पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय संचालक केएस भदौरिया ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि गहरी घाट रेंज की मझौली बीट में 27 जुलाई को नर बाघ का शव मिलने की सूचना पर पन्ना टाइगर रिजर्व के उप संचालक व वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजय गुप्ता ने घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया था. आसपास के इलाके में डाग स्क्वॉयड से सर्चिंग कराई गई थी, लेकिन कहीं अवैध गतिविधि के कोई साक्ष्य नहीं मिले. उनके अनुसार प्रथम दृष्टया बाघ की मौत अन्य किसी बाघ से संघर्ष में होना प्रतीत होता है क्योंकि उसके सभी अवयव सुरक्षित मिले हैं, घटनास्थल के आसपास बाघ के पगमार्क, खरोच-बैठक के निशान व जमीन पर सूखा ब्लड पाया गया है. मृतक का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसके शव को जलाकर नष्ट किया गया है.

वहीं टाइगर रिजर्व में लगातार हो रही वन्यजीवों की मौत की वजह से मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पन्ना-खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने भी सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि कि 'पन्ना टाइगर रिजर्व में पिछले छह महीनों में एक के बाद एक बाघों की मौत चिंता का विषय है, इसमें कहीं न कहीं अधिकारियों की लापरवाही प्रदर्शित होती है. जिसका पर्यटन के क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. मैं वन मंत्री से आग्रह करूंगा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच हो और जो अधिकारी इसमें दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाए.

पन्ना। टाइगर रिजर्व पन्ना में बाघों की संदिग्ध मौत का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है. महीने भर के अंदर आज एक और बाघ की मौत हो गई. पन्ना की गहरी घट रेंज की मझौली बीट में कक्ष क्रमांक पी-511 में एक नर बाघ का कंकाल मिला है. बाघ का शव क्षत-विक्षत हालत ने मिलने और उससे भीषण बदबू आने की वजह से मृत्यु 5 से 6 दिन पूर्व होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

लगभग 5 वर्ष की आयु वाले इस वयस्क बाघ की मौत का पता भी कई दिनों बाद चलने से पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा और निगरानी से जुड़ी बड़ी चूक फिर उजागर हुई है. बाघों के कुल क्षेत्र में बाघों की मौत की घटनाओं पर फील्ड स्टाफ की एक ही तरह की लापरवाही बार-बार सामने आने से बाघों की लचर सुरक्षा का पता चलता है, तमाम प्रयासों के बाद भी अब तक इसमें सुधार नहीं हो सका है.

पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय संचालक केएस भदौरिया ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि गहरी घाट रेंज की मझौली बीट में 27 जुलाई को नर बाघ का शव मिलने की सूचना पर पन्ना टाइगर रिजर्व के उप संचालक व वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजय गुप्ता ने घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया था. आसपास के इलाके में डाग स्क्वॉयड से सर्चिंग कराई गई थी, लेकिन कहीं अवैध गतिविधि के कोई साक्ष्य नहीं मिले. उनके अनुसार प्रथम दृष्टया बाघ की मौत अन्य किसी बाघ से संघर्ष में होना प्रतीत होता है क्योंकि उसके सभी अवयव सुरक्षित मिले हैं, घटनास्थल के आसपास बाघ के पगमार्क, खरोच-बैठक के निशान व जमीन पर सूखा ब्लड पाया गया है. मृतक का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसके शव को जलाकर नष्ट किया गया है.

वहीं टाइगर रिजर्व में लगातार हो रही वन्यजीवों की मौत की वजह से मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पन्ना-खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने भी सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि कि 'पन्ना टाइगर रिजर्व में पिछले छह महीनों में एक के बाद एक बाघों की मौत चिंता का विषय है, इसमें कहीं न कहीं अधिकारियों की लापरवाही प्रदर्शित होती है. जिसका पर्यटन के क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. मैं वन मंत्री से आग्रह करूंगा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच हो और जो अधिकारी इसमें दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाए.

Last Updated : Jul 28, 2020, 11:52 AM IST
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