पन्ना। बाघों की संदिग्ध मौत को लेकर पन्ना टाइगर रिजर्व इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. पिछले 9 माह में पन्ना टाइगर रिजर्व में लगभग 5 बाघों की संदेहास्पद तरीके से हुई मौतों के चलते अब सीबीआई जांच की मांग तेज हो गई है. पन्ना राजरिवार से संबंध रखने वाली महारानी जितेश्वरी जुदेवी ने बाघ की मौतों की CBI जांच कराने की मांग रखी है और प्रधानमंत्री, वन मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर जल्द कार्रवाई करवाने की मांग रखी है.
महारानी जितेश्वरी जुदेवी का कहना है कि वर्तमान में पार्क प्रबंधन के आला अधिकारी बाघों के संरक्षण के लिए मिलने वाली राशि को हड़पने में लगे हुए हैं. जिसके परिणाम स्वरूप पार्क में अनुशासनहीनता इस स्तर पर पहुंच गई है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में लगातार बाघ मारे जा रहे हैं. स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि जब इतने दिनों में कुछ नहीं हो पाया तो मामला CBI को सौंप देना चाहिए.
बता दें, करीब महीना भर पहले एक 8 साल के बाघ पी-123 का शव केन नदी में तैरता हुआ मिला था. युवा बाघ का सिर धड़ से गायब था. इतना ही नहीं अन्य कई अंग भी नहीं थे. ऐसे में पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बमुश्किल बाघ का लापता होना तो स्वीकारा, लेकिन उसके सिर सहित अन्य अंगों के गायब होने पर सफाई देते हुए कहा कि बाघ का सिर मगरमच्छ खा गया होगा और अन्य अंगों को लेकर चुप्पी साध ली.
महारानी जुदेवी का कहना है कि पार्क प्रबंधन ने मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया और कई दिनों तक सच को बाहर नहीं आने दिया गया. सही जानकारी ना देते हुए इसे बाघों का आपसी संघर्ष बताया जबकि मृत टाइगर का सिर और प्राइवेट पार्ट कटा हुआ था, जिससे लगता है कि बाघ की हत्या की गई है.