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पन्ना में मजाक बनी जनसुनवाई, समस्या का नहीं हो रहा समाधान - पन्ना

पन्ना में जनसुनवाई मजाक बनकर रह गई है. लोगों का कहना है कि जनसुनवाई में समस्या के लिए आवेदन दिए साल-साल भर हो गए, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है.

जनसुनवाई में पहुंचे लोग
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Published : Jul 2, 2019, 9:40 PM IST

पन्ना। लोगों की समस्या का समाधान हो सके, इसके लिए सरकार ने जनसुनवाई योजना शुरू की. पन्ना में जनसुनवाई मजाक बनकर रह गई है. जनसुनवाई में आने वाले गरीब लोग, ग्रामीण और मजदूरों को भी जनसुनवाई एक मजाक लगने लगी है. लोगों का कहना है कि जनसुनवाई में समस्या के लिए आवेदन दिए साल-साल भर हो गए, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है.

जनसुनवाई में पहुंचे लोग

पन्ना कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दिन दूर-दूर से लोग अपनी समस्या लेकर आते हैं. लेकिन एक- दो नहीं बल्कि कई बार और कई महीनों से आवेदन देने के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है. आवेदन देने आए लोगों को भी जनसुनवाई महज एक मजाक लगने लगा है. कई ऐसे ग्रामीण हैं जो मजदूरी का काम करते है और मंगलवार को अपनी मजदूरी छोड़ किराया लगा कर जनसुनवाई में आते हैं लेकिन मायूस हो कर वापस चले जाते हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि वे भूखे-प्यासे लंबी लाइनों में लगे रहते हैं. आने जाने में पैसे के साथ वक्त भी बर्बाद होता है. कलेक्टर ने लोगों की समस्या के समाधान का भरोसा दिया है.

पन्ना। लोगों की समस्या का समाधान हो सके, इसके लिए सरकार ने जनसुनवाई योजना शुरू की. पन्ना में जनसुनवाई मजाक बनकर रह गई है. जनसुनवाई में आने वाले गरीब लोग, ग्रामीण और मजदूरों को भी जनसुनवाई एक मजाक लगने लगी है. लोगों का कहना है कि जनसुनवाई में समस्या के लिए आवेदन दिए साल-साल भर हो गए, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है.

जनसुनवाई में पहुंचे लोग

पन्ना कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दिन दूर-दूर से लोग अपनी समस्या लेकर आते हैं. लेकिन एक- दो नहीं बल्कि कई बार और कई महीनों से आवेदन देने के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है. आवेदन देने आए लोगों को भी जनसुनवाई महज एक मजाक लगने लगा है. कई ऐसे ग्रामीण हैं जो मजदूरी का काम करते है और मंगलवार को अपनी मजदूरी छोड़ किराया लगा कर जनसुनवाई में आते हैं लेकिन मायूस हो कर वापस चले जाते हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि वे भूखे-प्यासे लंबी लाइनों में लगे रहते हैं. आने जाने में पैसे के साथ वक्त भी बर्बाद होता है. कलेक्टर ने लोगों की समस्या के समाधान का भरोसा दिया है.

Intro:एंकर : - सरकार के द्वारा लोगो की समस्या के समाधान के लिए जनसुनवाई योजना शुरू की गई ताकि लोगो की समस्या का समाधान हो सके लेकिन पन्ना में जान सुनवाई मजाक बन कर रह गई है।


Body:पन्ना के कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दिन दूर-दूर से अपनी समस्या ले कर आते है लेकिन एक नही दो नही बल्कि कई बार ओर कई महीनों से आवेदन देने के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नही होता है। जिस कारण से अब आवेदन देने आए लोगो को भी लगने लगा है कि जनसुनवाई महज एक मजाक बन कर रह गई है। कई ऐसे ग्रामीण है जो मजदूरी का काम करते है और मंगलवार को अपनी मजदूरी छोड़ कर किराया लगा कर पन्ना कलेक्ट्रेट आते है और मायूस हो कर वापस चले जाते है। और जनसुनवाई के बाद उनके आवेदनों को कचरे के ढेर के फेक दिया जाता है।


Conclusion:इस मामले में कलेक्टर पन्ना से बात की गई तो उन्होंने भी माना कि समस्याओं के निराकरण की जानकारी कई बार उनके पास आई है इस लिए अब लोगो के शिकायती आवेदन पत्रों को स्केन करके सिस्टम में अपलोड कर उन आवेदनों पर सतत निगरानी की जाएगी कि जल्द से जल्द समस्या का समाधान हो।
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