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चोपड़ा मंदिर के पानी की हैे विशेष मान्यता, पानी पीने दूर दूर से आते हैं लोग

पन्ना के चोपड़ा मंदिर की एक अलग ही मान्यता है जो सैकड़ों वर्ष पूर्व से चली आ रही है . चोपड़ा मंदिर के पानी को पीने लोग दूर-दूर से आते हैं.साथ ही अपने साथ भर के भी ले जाते हैं.

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Published : Aug 27, 2019, 12:00 PM IST

चोपड़ा मंदिर के पानी की हैे विशेष मान्यता पानी पीने दूर दूर से आते हैं लोग

पन्ना। पन्ना को प्रणामी समुदाय का तीर्थ स्थल माना जाता है जहां हर साल राजस्थान, गुजरात सहित विदेशों से लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं.वहीं पन्ना जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर बने चोपड़ा मंदिर के पानी की अपनी ही एक मान्यता है. यहां के लोग सुबह से साइकिल, मोटरसाइकिल और अपने वाहनों में चोपड़ा मंदिर का पानी भर कर ले जाते है और नियमित सेवन करते हैं.

चोपड़ा मंदिर के पानी की हैें विशेष मान्यता पानी पीने दूर दूर से आते हैं लोग

बता दें कि चोपड़ा मंदिर की मान्यता आज से करीब सैकड़ों वर्ष पूर्व से चली आ रही हैं. प्राणनाथ जी अपने साथियों के साथ यहां आए थे, तब यहां उन्होंने गंगा-जमुना को प्रकट किया था. तब से ये चोपड़ा का पानी कभी सूखा नहीं और न ही खराब हुआ है. ऐसी मान्यता है कि इस चोपड़ा का पानी नियमित सेवन करने से पेट संबंधी और अन्य बीमारियों से लोगो को निजात मिलती है. साथ ही प्रणामी समुदाय के लोग विदेशों में भी इसे भर कर ले जाते हैं,जहां सालों साल इस पानी मे न तो कीड़े लगते है और न ही यह खराब होता है.

जानकारों का कहना हैं कि यह पानी पहाड़ों से हो कर आता है इस कारण से यह कई प्रकार की औषधि की जड़ो से रिस कर आता है जिस कारण से पानी का स्वाद भी अन्य जगहों के पानी से अलग होता है और यह कई बीमारियों का रामबाण इलाज करता है.बताया जाता है कि इस पानी को अमेरिका में टेस्ट भी किया गया था जिसमें 17 गुण पाए गए थे. यह पानी हमेशा साफ रहता है जिसके चलते लोग प्रतिदिन दूर-दूर से आकर इस पानी को भर कर ले जाते है. डॉक्टर भी पेट संबंधी बीमारियां होने पर इसी चोपड़ा मंदिर का पानी पीने की सलाह देते हैं.

पन्ना। पन्ना को प्रणामी समुदाय का तीर्थ स्थल माना जाता है जहां हर साल राजस्थान, गुजरात सहित विदेशों से लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं.वहीं पन्ना जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर बने चोपड़ा मंदिर के पानी की अपनी ही एक मान्यता है. यहां के लोग सुबह से साइकिल, मोटरसाइकिल और अपने वाहनों में चोपड़ा मंदिर का पानी भर कर ले जाते है और नियमित सेवन करते हैं.

चोपड़ा मंदिर के पानी की हैें विशेष मान्यता पानी पीने दूर दूर से आते हैं लोग

बता दें कि चोपड़ा मंदिर की मान्यता आज से करीब सैकड़ों वर्ष पूर्व से चली आ रही हैं. प्राणनाथ जी अपने साथियों के साथ यहां आए थे, तब यहां उन्होंने गंगा-जमुना को प्रकट किया था. तब से ये चोपड़ा का पानी कभी सूखा नहीं और न ही खराब हुआ है. ऐसी मान्यता है कि इस चोपड़ा का पानी नियमित सेवन करने से पेट संबंधी और अन्य बीमारियों से लोगो को निजात मिलती है. साथ ही प्रणामी समुदाय के लोग विदेशों में भी इसे भर कर ले जाते हैं,जहां सालों साल इस पानी मे न तो कीड़े लगते है और न ही यह खराब होता है.

जानकारों का कहना हैं कि यह पानी पहाड़ों से हो कर आता है इस कारण से यह कई प्रकार की औषधि की जड़ो से रिस कर आता है जिस कारण से पानी का स्वाद भी अन्य जगहों के पानी से अलग होता है और यह कई बीमारियों का रामबाण इलाज करता है.बताया जाता है कि इस पानी को अमेरिका में टेस्ट भी किया गया था जिसमें 17 गुण पाए गए थे. यह पानी हमेशा साफ रहता है जिसके चलते लोग प्रतिदिन दूर-दूर से आकर इस पानी को भर कर ले जाते है. डॉक्टर भी पेट संबंधी बीमारियां होने पर इसी चोपड़ा मंदिर का पानी पीने की सलाह देते हैं.

Intro:पन्ना।
एंकर :- वैसे तो पन्ना को प्रणामी समुदाय का तीर्थ स्थल माना जाता है और यह हर वर्ष लाखो की संख्या में राजस्थान, गुजरात सहित विदेशों से भी लोग आते है। लेकिन पन्ना जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर बने चोपड़ा मंदिर के पानी की अपनी ही एक मान्यता है। यहां नगर लोग सुबह से साइकिल, मोटरसाइकिल और अपने वाहनों में इस चोपड़ा का पानी भर कर ले जाते है और नियमित सेवन करते है।


Body:इस चोपड़ा की मान्यता है कि आज से करीब सैकडो वर्ष पूर्व प्राणनाथ जी अपने सुन्दरसाथियो के साथ यहां आए थे और उन्होंने यहां गंगा-जमुना को प्रकट किया था। तब से ये चोपड़ा का पानी कभी सूखा नही ओर न ही खराब हुआ है। ऐसी मान्यता है कि इस चोपड़ा का पानी नियमित सेवन करने से पेट संबंधी ओर अन्य बीमारियों से लोगो को निजात मिलती है। साथ ही प्रणामी समुदाय के लोग विदेशों में भी इसे भर कर ले जाते है सालों साल इस पानी मे न तो कीड़े लगते है और न ही यह खराब होता है।


Conclusion:जानकार बताते है कि यह पानी पहाड़ो से हो कर आता है इस कारण से यह कई प्रकार की औसधि की जड़ो से रिस कर आता है जिस कारण से पानी का स्वाद भी अन्य जगहों के पानी से अलग होता है और यह कई बीमारियों का रामबाण इलाज करता है। बताया जाता है कि इस पानी को अमेरिका में टेस्ट भी किया गया था जिसमे 17 गुण पाए गए थे। पानी हमेशा साफ रहता है और प्रतिदिन दूर दूर से इस पानी को भर कर ले जाते है। डॉक्टर भी पेट संबंधी बीमारियां होने पर इसी चोपडा का पानी पीने की सलाह देते है।
बाइट :- 1 अयोध्या बाई (सुन्दरसाथ)
बाइट :- 2 जमन भाई अकबरी (राजस्थान से आये जानकार)
बाईट :- 3 अवध प्रणामी (पुजारी)
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