उज्जैन: रेलवे स्टेशन सहित शहर में कई स्थानों पर दीवारों पर की गई पेंटिग्स पर विवाद शुरू हो गया है. लोगों का कहना है कि बगैर सोचे-समझे धार्मिक चित्रों को दीवारों पर उकेरा गया है. इससे भावनाएं आहत हो रही हैं. इससे शहरवासियों के साथ ही बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है. इस मामले को लेकर कांग्रेस ने नगर निगम में सत्तारूढ़ बीजेपी को घेरा है. कांग्रेस का कहना है "जब इन चित्रों की मर्यादा बनाकर नहीं रख सकते तो क्यों बनवाया." शहर के कुछ और संगठनों ने भी इसका विरोध किया है.
रतलाम डीआरएम को भी पत्र लिखा
गौरतलब है कि उज्जैन के रेलवे स्टेशन, हरी फटक ओवरब्रिज, चामुंडा माता मंदिर क्षेत्र, बीएसएनल चौराहे के साथ ही शहर में कई स्थानों की दीवारों पर इस प्रकार के चित्र उकेरे गए हैं. शहर के कमलेश ग्वालियरी ने रेलवे स्टेशन परिसर में इस प्रकार के चित्र दीवारों पर देखे तो चकित रह गए. उन्होंने इसके विरोध में 6 जनवरी 2025 को रतलाम मंडल के डीआरएम को पत्र भी लिखा है. उन्होंने पत्र में बताया "स्टेशन पर इन चित्रों का अपमान हो रहा है. इससे लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं."
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कांग्रेस नेता रवि राय ने की चित्रों को हटाने की मांग
उज्जैन के एक संगठन के प्रमुख अर्जुन सिंह भदौरिया का कहना है "इन चित्रों को लेकर शुरू से विरोध था. नगर निगम की दीवारों और सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक चित्र उकेरना निंदनीय है. शहर में इस प्रकार दीवारों पर धार्मिक चित्र नहीं बनाने चाहिए. इससे हमारी आस्था आहत हो रही है." वहीं, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रवि राय का कहना है "ये सरकार धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है. इन चित्रों को तुरंत साफ किया जाना चाहिए. ऐसा करके नगर निगम प्रशासन ने लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है." इस मामले में महापौर मुकेश टटवाल ने कहा "अगर ये चित्र नगर निगम द्वारा बनाए गए हैं तो इन्हें तत्काल हटा दिया जाएगा."