पन्ना। बेशकीमती हीरों के लिए विख्यात प्रदेश के पन्ना जिले में मझगवां स्थित एनएनडीसी हीरा खनन परियोजना में हीरो का उत्पादन नए वर्ष के पहले दिन से बंद हो गया है.पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने परियोजना के महाप्रबंधक को पत्र जारी कर उत्खनन कार्य 1 जनवरी 2021 से पूरी तरह से बंद करने के निर्देश दिए थे. जिसके परिपालन में खदान बंद कर दी गई है.
एनएमडीसी हीरा खदान पन्ना टाइगर रिजर्व के गंगऊ अभ्यारण्य अंतर्गत वन भूमि रकबा 74.018 हेक्टेयर में संचालित है. जिसके संचालन की अवधि 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो गई है.
बता दें कि जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित एशिया महाद्वीप की इकलौती मैकेनाइज्ड एनएमडीसी खदान में वर्ष 1968 से लेकर अब तक लगभग 13 लाख कैरेट हीरों का उत्पादन किया जा चुका है. इस खदान में अभी भी 8.5 लाख कैरेट हीरों का उत्पादन होना बाकी है. ऐसी स्थिति में खदान संचालन की अनुमति यदि नहीं मिलती तो अरबों रुपए कीमत के हीरे जमीन के भीतर ही दफन रह जाएंगे.
पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि एनएमडीसी को वन एवं वन्य प्रणियों से संबंधित क्लीयरेंस लेने जरूरी है. एनएमडीसी के पास 31 दिसंबर तक ही अनुमति थी. जो अब खत्म हो गई है. खदान को चलाने की कार्रवाई एनएमडीसी के द्वारा की जाएगी. इसका फैसला भारत सरकार के हाथ में होता है. फिलहाल अभी प्रस्ताव राज्य स्तर पर लंबित है. ये प्रस्ताव आगे भारत सरकार को भेजा जाएगा. जैसे ही अनुमति मिलती है, तो खदान फिर शुरू हो जाएगी.