पन्ना। इस्तीफे की घोषणा करने के बाद डॉक्टरों का कहना है कि 3 सितंबर को सुबह सिविल सर्जन एलके तिवारी के साथ मारपीट की गई और डॉ.आलोक गुप्ता के साथ अभद्रता करने वालों के खिलाफ 3 दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई. हमारे साथ न्याय नहीं हो रहा है.
पुलिस कार्रवाई से रोष : डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद प्रशासन का रवैया ठीक नहीं था. इसके दूसरे दिन दूसरे पक्ष द्वारा जिला चिकित्सालय के पांच चिकित्सकों सीएमएचओ विद्यासागर उपाध्याय, सिविल सर्जन डॉ. एलके तिवारी, शिशु रोग विशेषज्ञ, डॉ. आलोक गुप्ता, डॉ. प्रदीप गुप्ता एवं डॉ. जितेंद्र यादव के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करवा दी गई.
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ठप हो सकती हैं स्वास्थ्य सेवाएं : मेडिकल स्टाफ का कहना है कि इससे संपूर्ण चिकित्सक एवं अस्पताल स्टाफ असुरक्षा की भावना से भयभीत हैं. जिलेभर के चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा 8 सितंबर 2022 को सामूहिक त्यागपत्र का ऐलान किया गया है. जिले के समस्त डॉक्टरों के साथ ही स्टाफ नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा सामूहिक रूप से त्यागपत्र देने से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था ठप पड़ सकती हैं. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ सकता है. डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाए हैं कि उनके ऊपर दबाव बनाने के उद्देश्य से फर्जी तरीके से एससी एसटी एक्ट दर्ज करवाया गया है. MP Panna mass resignation, Health empolyees resignation, Panna district hospital, 228 officers and employees angry, resignation 21 doctors