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मजदूरों का पलायन रोकने के लिए रोजगार एप्स के जरिए देंगे काम- श्रम मंत्री

लॉकडाउन में कई मजदूर घर वापस आ गए थे लेकिन अनलॉक होते ही फिर से पलायन शुरु हो गया है. पलायन को लेकर खनिज एवं श्रम मंत्री ने कहा जो मजदूर बाहर जा रहे हैं, उनकी एक पंजी बनवाई जाएगी, जिससे पता चलेगा कि कौन मजदूर कहां काम कर रहा है, साथ ही पलायन को रोकने का काम भी किया जाएगा.

Labor migration
मजदूरों का पलायन
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Published : Aug 31, 2020, 5:12 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 7:39 PM IST

पन्ना। जिले में लगातार कोरोना महामारी का ग्राफ बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिले से प्रवासी मजदूरों ने रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर पलायन शुरु कर दिया है. जिले से रोजाना सैकड़ों लोग रोजी रोटी की खोज में जिले से बाहर पलायन कर रहे हैं. लॉकडाउन में करीब 60 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर अपने घर वापस आए थे, लेकिन अनलाॅक होते ही फिर से पलायन शुरू हो गया है. शासन ने मजदूरों को ग्रामीण स्तर पर चलाई जा रही योजनाओं के तहत काम देने की कोशिश की थी, लेकिन सभी को रोजगार नहीं मिल पाने की वजह से अब पलायन फिर शुरू हो गया है.

मजदूरों का पलायन

वहीं पलायन को लेकर अब खनिज एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह सख्त होते दिखाई दे रहे हैं. उनका कहना था कि लाॅकडाउन के दौरान हमने रोजगार एप्स के जरिए करीब 39 हजार श्रमिकों को रोजगार दिलवाने का काम किया है. अब फिर से रोजगार एप्स के जरिए मजदूरों को रोजगार दिलाने का काम किया जाएगा. इसके साथ ही जो श्रमिक राज्यों के बाहर जा रहे हैं उनको चिन्हित किया जाए कि कौन मजदूर कहां पर और किसके यहां पर काम कर रहा है.

इस पर भी विभाग काम करेगा जिससे कि एक तो पलायन ना हो और अगर पलायन होता भी है तो उसकी जानकारी विभाग के पास हो. समाजसेवी और पत्थर खदान मजदूर संघ के अध्यक्ष का कहना है कि मजदूरों को अगर जिले में ही रोजगार मुहैया होता है, तो निश्चित ही पलायन रुकेगा. जो मजदूर बाहर गए हैं, उनकी पलायन पंजी बनाई जाती है, तो कहीं न कहीं जो मजदूर बाहर काम कर रहे हैं वो सुरक्षित भी रहेंगे.

पन्ना। जिले में लगातार कोरोना महामारी का ग्राफ बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिले से प्रवासी मजदूरों ने रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर पलायन शुरु कर दिया है. जिले से रोजाना सैकड़ों लोग रोजी रोटी की खोज में जिले से बाहर पलायन कर रहे हैं. लॉकडाउन में करीब 60 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर अपने घर वापस आए थे, लेकिन अनलाॅक होते ही फिर से पलायन शुरू हो गया है. शासन ने मजदूरों को ग्रामीण स्तर पर चलाई जा रही योजनाओं के तहत काम देने की कोशिश की थी, लेकिन सभी को रोजगार नहीं मिल पाने की वजह से अब पलायन फिर शुरू हो गया है.

मजदूरों का पलायन

वहीं पलायन को लेकर अब खनिज एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह सख्त होते दिखाई दे रहे हैं. उनका कहना था कि लाॅकडाउन के दौरान हमने रोजगार एप्स के जरिए करीब 39 हजार श्रमिकों को रोजगार दिलवाने का काम किया है. अब फिर से रोजगार एप्स के जरिए मजदूरों को रोजगार दिलाने का काम किया जाएगा. इसके साथ ही जो श्रमिक राज्यों के बाहर जा रहे हैं उनको चिन्हित किया जाए कि कौन मजदूर कहां पर और किसके यहां पर काम कर रहा है.

इस पर भी विभाग काम करेगा जिससे कि एक तो पलायन ना हो और अगर पलायन होता भी है तो उसकी जानकारी विभाग के पास हो. समाजसेवी और पत्थर खदान मजदूर संघ के अध्यक्ष का कहना है कि मजदूरों को अगर जिले में ही रोजगार मुहैया होता है, तो निश्चित ही पलायन रुकेगा. जो मजदूर बाहर गए हैं, उनकी पलायन पंजी बनाई जाती है, तो कहीं न कहीं जो मजदूर बाहर काम कर रहे हैं वो सुरक्षित भी रहेंगे.

Last Updated : Aug 31, 2020, 7:39 PM IST
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