पन्ना। ये जिला यूं तो हीरे के लिए पूरी दूनिया में मशहूर है. लेकिन इन हीरों को निकालने वाले और पत्थर खदानों में काम करने वाले मजदूर कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. सबसे खतरनाक बीमारी है सिलिकोसिस, इस दमघुटने वाली बीमारी से मजदूर तिल-तिल कर मरने को मजबूर हैं. सबसे हैरानी की बात तो ये है कि इस बीमारी की पहचान और जांच की कोई भी सुविधा पन्ना में मौजूद नहीं हैं. यहां तक की इस बीमारी के लिए कोई प्रशिक्षित डॉक्टर भी नहीं है, जिसकी वजह से ये समस्या और भी गंभीर हो जाती है.
इस गांव में 80 फीसदी विधवाएं
पन्ना से महज 8 किलोमीटर दूर मनोहर गांव में 80 फीसदी से अधिक विधवाएं हैं, क्योंकि यहां के पुरुष बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के पत्थर खदानों में मजदूरी किया करते थे. जिस कारण उन्हें सिलिकोसिस और टीवी की बीमारी होने लगी और धीरे-धीरे उनकी मौत होने लगी.
कई मजदूरों की हो चुकी है मौत
पृथ्वी ट्रस्ट के संचालक और पत्थर खदान मजदूर संघ के अध्यक्ष युसूफ बेग बताते है कि उनकी संस्था ने एक सर्वे किया है जिसमें 162 मजदूरों को सिलिकोसिस बीमारी की पुष्टि हुई है. वहीं सरकारी आंकड़ों में ऐसे बीमारों की संख्या महज 39 है. इतना ही नहीं 39 मरीजों में से 5 मजदूरों की मौत हो गई जिसके बाद सरकार ने खानापूर्ति करते हुए 3-3 लाख रुपए की सहायता कर दी, वहीं 12 ऐसे मजदूर हैं जिनकी मौत के बाद भी उनके परिजनों को कोई मुआवजा नहीं मिला है. बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर सरकार इन मजदूरों की ओर ध्यान कब देगी