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विश्व वृद्ध दिवस 2020: आज भी सरकारी योजनाओं के इंतजार में पन्ना का बुजुर्ग प्यारेलाल - पन्ना विश्व वृद्ध दिवस

पन्ना जिले के अजयगढ़ जनपद अंतर्गत ग्राम सरवंसी में रहने वाले वृद्ध प्यारेलाल आज भी सरकार की योजनाओं का इंतजार कर रहे हैं.

panna
वृद्ध प्यारेलाल
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Published : Oct 1, 2020, 1:25 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 2:19 PM IST

पन्ना। आज पूरा विश्व वृद्ध दिवस मना रहा है, लेकिन पन्ना जिले का वृद्ध प्यारेलाल आज भी अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है. भले ही केंद्र व राज्य सरकार देश के गरीब, असहाय, निर्धन लोगों के लिए सैकड़ों योजनाएं चला रही हैं, लेकिन ग्रामीण अंचलों में सरकार की सभी योजनाएं कहीं न कहीं दम तोड़ती नजर जरूर आ जाएंगी.

ऐसा ही एक मामला पन्ना जिले के अजयगढ़ जनपद अंतर्गत ग्राम सरवंसी से सामने आया है. जहां पर अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ रह रहे 75 वर्षीय प्यारेलाल आज भी सरकार की योजनाओं का इंतजार कर रहे हैं.

सरकारी योजनाओं के इंतजार में पन्ना का बुजुर्ग प्यारेलाल

वृद्ध प्यारेलाल अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ गांव में बेहद गरीबी भरा जीवन यापन कर रहे हैं. तीन नाती-नातिन के साथ बूढ़ी पत्नी और एक अपने लड़के का बोझ उठाने के लिए बुढ़ापे में मजबूर हैं.

परिवार का पालन पोषण लड़के के द्वारा मजदूरी कर लाए गए कुछ पैसों से होता है. जिसमें परिवार के सदस्य अपना भरण पोषण करते हैं. आलम इस कदर खराब है कि परिवार के पालन पोषण के लिए वृद्ध प्यारेलाल को भीख भी मांगनी पड़ती है, लेकिन सबसे गंभीर बात ये है कि कुछ महीनों पहले वृद्ध के द्वारा अपना राशन कार्ड बनवाने के लिए तहसील अजयगढ़ में आवेदन भी किया गया था, लेकिन मजबूर वृद्ध का राशनकार्ड सिर्फ इसलिए जारी नहीं हो सका, क्योंकि उसके पास तहसील में बैठे घूसखोर कर्मचारियों को घूस देने के लिए पैसे नहीं थे.

राशनकार्ड व वृद्ध पेंसन पाने के लिए दर-दर भटक चुका प्यारेलाल अब शासकीय योजनाओं के लाभ की उम्मीद छोड़ चुका है. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा हर गरीब को घर देने के लिए पीएम आवास योजना का लाभ भी इस गरीब वृद्ध को ये सिस्टम नहीं दिला सका.

जब वृद्ध प्यारेलाल से बात की गई तो उनकी आंखे भर आईं और कहने लगा कि सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है. कोरोना काल के पहले वृद्ध के नाती-नातिन छात्रावास में रहते थे और वो खुद स्कूल में माध्याह्न भोजन का खाना खाकर अपना पेट भरते थे.

इसी प्रकार जब वृद्ध का बेटा मजदूरी कर कुछ पैसे घर लाता तो बूढ़ी मां को खाना खिलाता था. जब परिवार की ज्यादा हालत खराब हो जाती थी तो गांव वाले मदद कर देते थे. कच्ची झोपड़ी नुमा घर में रह रहा ये गरीब मजबूर परिवार आज भी सरकार की योजनाओं के इंतजार में है.

हालांकि जब इस विषय को लेकर पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा से बात की तो उन्होंने तुरंत खाद्य निरीक्षक को बुलाकर वृद्ध के घर राशन पहुंचाने की बात कही. साथ ही अजयगढ़ राजस्व विभाग को तुरंत वृद्ध का राशनकार्ड जारी करने के आदेश भी दिए. अब देखना होगा कि वृद्ध को कब तक शासकीय योजनाओं का लाभ मिल पाएगा या फिर इसी प्रकार शासकीय योजनाओं का इंतजार करना पड़ेगा.

पन्ना। आज पूरा विश्व वृद्ध दिवस मना रहा है, लेकिन पन्ना जिले का वृद्ध प्यारेलाल आज भी अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है. भले ही केंद्र व राज्य सरकार देश के गरीब, असहाय, निर्धन लोगों के लिए सैकड़ों योजनाएं चला रही हैं, लेकिन ग्रामीण अंचलों में सरकार की सभी योजनाएं कहीं न कहीं दम तोड़ती नजर जरूर आ जाएंगी.

ऐसा ही एक मामला पन्ना जिले के अजयगढ़ जनपद अंतर्गत ग्राम सरवंसी से सामने आया है. जहां पर अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ रह रहे 75 वर्षीय प्यारेलाल आज भी सरकार की योजनाओं का इंतजार कर रहे हैं.

सरकारी योजनाओं के इंतजार में पन्ना का बुजुर्ग प्यारेलाल

वृद्ध प्यारेलाल अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ गांव में बेहद गरीबी भरा जीवन यापन कर रहे हैं. तीन नाती-नातिन के साथ बूढ़ी पत्नी और एक अपने लड़के का बोझ उठाने के लिए बुढ़ापे में मजबूर हैं.

परिवार का पालन पोषण लड़के के द्वारा मजदूरी कर लाए गए कुछ पैसों से होता है. जिसमें परिवार के सदस्य अपना भरण पोषण करते हैं. आलम इस कदर खराब है कि परिवार के पालन पोषण के लिए वृद्ध प्यारेलाल को भीख भी मांगनी पड़ती है, लेकिन सबसे गंभीर बात ये है कि कुछ महीनों पहले वृद्ध के द्वारा अपना राशन कार्ड बनवाने के लिए तहसील अजयगढ़ में आवेदन भी किया गया था, लेकिन मजबूर वृद्ध का राशनकार्ड सिर्फ इसलिए जारी नहीं हो सका, क्योंकि उसके पास तहसील में बैठे घूसखोर कर्मचारियों को घूस देने के लिए पैसे नहीं थे.

राशनकार्ड व वृद्ध पेंसन पाने के लिए दर-दर भटक चुका प्यारेलाल अब शासकीय योजनाओं के लाभ की उम्मीद छोड़ चुका है. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा हर गरीब को घर देने के लिए पीएम आवास योजना का लाभ भी इस गरीब वृद्ध को ये सिस्टम नहीं दिला सका.

जब वृद्ध प्यारेलाल से बात की गई तो उनकी आंखे भर आईं और कहने लगा कि सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है. कोरोना काल के पहले वृद्ध के नाती-नातिन छात्रावास में रहते थे और वो खुद स्कूल में माध्याह्न भोजन का खाना खाकर अपना पेट भरते थे.

इसी प्रकार जब वृद्ध का बेटा मजदूरी कर कुछ पैसे घर लाता तो बूढ़ी मां को खाना खिलाता था. जब परिवार की ज्यादा हालत खराब हो जाती थी तो गांव वाले मदद कर देते थे. कच्ची झोपड़ी नुमा घर में रह रहा ये गरीब मजबूर परिवार आज भी सरकार की योजनाओं के इंतजार में है.

हालांकि जब इस विषय को लेकर पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा से बात की तो उन्होंने तुरंत खाद्य निरीक्षक को बुलाकर वृद्ध के घर राशन पहुंचाने की बात कही. साथ ही अजयगढ़ राजस्व विभाग को तुरंत वृद्ध का राशनकार्ड जारी करने के आदेश भी दिए. अब देखना होगा कि वृद्ध को कब तक शासकीय योजनाओं का लाभ मिल पाएगा या फिर इसी प्रकार शासकीय योजनाओं का इंतजार करना पड़ेगा.

Last Updated : Oct 1, 2020, 2:19 PM IST
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