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युवक ने गौ- सेवा को बनाया जीवन का लक्ष्य, कबाड़ बीनकर करते हैं जीवन यापन

पन्ना के भइया शर्मा को गौ सेवक के नाम से जाना जाता है. कबाड़ बीनकर जीवन यापन करने वाले भइया ने गौ-सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है.

भइया शर्मा
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Published : Oct 30, 2019, 11:22 PM IST


पन्ना। शहर के धाम मोहल्ले में रहने वाले 'भइया शर्मा' गौ सेवक के नाम से जाने जाते हैं. जब उनके मन में गौ सेवा की अलख जगी, तो उन्होंने शहर में कबाड़ बीनने का काम शुरू कर दिया. ताकि रास्ते में भटकते आवारा मवेशियों का पेट भर सकें. तंगहाली में जीवन यापन करने वाले भइया शर्मा आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं, लिहाजा वे शहर की गली- गली में घूमकर कबाड़ बीनते हैं और इसी से उनका जीवन यापन होता है.

गौ सेवा करते हुए भइया शर्मा


जगह- जगह गरीबों के लिए पांच रूपये में मिलने वाले भोजन से भइया अपना पेट भर लेते हैं और बचे हुए पैसों को गायों की सेवा में लगा देते हैं.
भइया शर्मा ने बताया कि गाय की सेवा से उन्हें खुशी मिलती है. पिछले चार सालों वो लगातार यह काम कर रहे हैं. वो अपनी क्षमता के मुताबिक हमेशा गाय की सेवा करते हैं.


भइया ने कहा कि 'पिछले कुछ सालों से देश के कई अलग-अलग शहरों में 'गाय' पर बहुत राजनीति देखने को मिली है. गाय जिसे माता के रूप में पूजा जाता है, उस पर राजनेता अपने हितों के लिए सियासत करने से भी नहीं चूक रहे हैं'.


पन्ना। शहर के धाम मोहल्ले में रहने वाले 'भइया शर्मा' गौ सेवक के नाम से जाने जाते हैं. जब उनके मन में गौ सेवा की अलख जगी, तो उन्होंने शहर में कबाड़ बीनने का काम शुरू कर दिया. ताकि रास्ते में भटकते आवारा मवेशियों का पेट भर सकें. तंगहाली में जीवन यापन करने वाले भइया शर्मा आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं, लिहाजा वे शहर की गली- गली में घूमकर कबाड़ बीनते हैं और इसी से उनका जीवन यापन होता है.

गौ सेवा करते हुए भइया शर्मा


जगह- जगह गरीबों के लिए पांच रूपये में मिलने वाले भोजन से भइया अपना पेट भर लेते हैं और बचे हुए पैसों को गायों की सेवा में लगा देते हैं.
भइया शर्मा ने बताया कि गाय की सेवा से उन्हें खुशी मिलती है. पिछले चार सालों वो लगातार यह काम कर रहे हैं. वो अपनी क्षमता के मुताबिक हमेशा गाय की सेवा करते हैं.


भइया ने कहा कि 'पिछले कुछ सालों से देश के कई अलग-अलग शहरों में 'गाय' पर बहुत राजनीति देखने को मिली है. गाय जिसे माता के रूप में पूजा जाता है, उस पर राजनेता अपने हितों के लिए सियासत करने से भी नहीं चूक रहे हैं'.

Intro:पन्ना।
एंकर :- देश में कथित गौ सेवकों की हिंसा की खबरें आए दिन सामने आती रही है, गाय के नाम पर खून बनाया जा रहा है, लेकिन इससे गाय को क्या लाभ होता है, यह कोई नहीं जानता। एक दौर था जब गौ सेवा सबसे बड़ा धर्म मना जाता था, लेकिन इन दिनों गाय का उपयोग राजनैतिक हितों के लिए होता दिख रहा है। लेकिन पन्ना शहर में एक सच्चा गौ सेवक भी है, जिसने गौ सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है। Body:पन्ना शहर के धाम मोहल्ले में रहने वाले भईया शर्मा आर्थिक रूप से बेहद ही कमजोर है। उसके पास आय का कोई साधन नहीं किया। तंग हाली में वह कबाड़ बीन कर और भीख मांग कर उसने अपना गुजारा बसर करता है लेकिन जब उसके मन में गौ सेवा की अलख जगी तो उसने शहर में कबाड़ बीनने का काम शुरू कर दिया। दिन भर कड़ी मेहनत के साथ कबाड़ बेचने के बाद उसे जो पैसा मिलता है, उससे वह अपने खाने के लिए खाना लेता है और फिर जो पैसा बचता है, वह पूरा गाय की सेवा में लगा देता है। रास्ते में भटकते आवारा मवेशियों को तलाश कर वह उन्हें खाना खिलाता है। Conclusion:उसे खुद के खाने की फिक्र भी नहीं रहती है वह अस्पताल और अन्य जगह पर गरीबों के लिए 5 रूपये में मिलने वाला भोजन कर अपना पेट भर लेता है और खुद के कमाये पैसों से गाय के लिए भोजन का प्रबंध करता है। भईया शर्मा से जब बात की तो उसने बताया कि उसके जीवन का कोई लक्ष्य नहीं है। वह अब गाय की सेवा करना चाहता है। गाय की सेवा में ही उसे खुशी मिलती है। पिछले 4 सालों से वह लगातार यह काम कर रहा है वह अपनी समर्थ के मुताबिक हमेशा गाय की सेवा करता रहेगा। भईया शर्मा गाय के नाम पर राजनीति करने वालों के लिए मिसाल है। जो निस्वार्थ भाव से गाय की सेवा कर रहा है। उसके लिये गाय माता ही सर्पोपरी है।
बाइट :- 1 भईया शर्मा (कबाड़ बीनने वाला गौ सेवक)
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