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तीन साल से खाली रेडियो लॉजिस्ट का पद, सोनोग्राफी के लिए मरीजों को करना पड़ता है हफ्तों इंतजार - पन्ना न्यूज

पन्ना जिला अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा हफ्ते में सिर्फ एक ही दिन गांव के लोगों को मिल पाती है. वहीं दूर-दराज से आए ग्रामिणों को अस्पताल में सोनोग्राफी ना होने के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

district hospital does not have sonography facilities in panna
सोनोग्राफी के लिए मरीज हो रहे परेशान
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Published : Feb 4, 2020, 10:19 PM IST

Updated : Feb 4, 2020, 11:15 PM IST

पन्ना। जिला अस्पताल में हफ्ते में सिर्फ एक दिन ही सोनोग्राफी की सुविधा चंद घंटों के लिए उपलब्ध होती है. अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद करीब तीन साल से खाली है. इसके बाद भी इसे भरे जाने के लिए जिम्मेदारों ने प्रयास नहीं किए. इसके कारण जिला अस्पताल में सोनोग्राफी जैसी सामान्य सुविधाएं भी लोगों को नियमित नहीं मिल पा रही हैं.

तीन साल से खाली रेडियो लॉजिस्ट का पद

जिला प्रशासन और यहां के नेता व जनप्रतिनिधि जिले भर में एक रेडियोलॉजिस्ट भी मुहैया नहीं करा पा रहे हैं. इसके कारण हालात ये हैं कि सोनोग्राफी मशीन होने के बाद भी करीब 12 लाख की आबादी वाले इस जिले के लोगों को एक हफ्ते में चंद घंटों के लिए ही सोनोग्राफी कराने की सुविधा मिल पाती है. जिला अस्पताल प्रशासन सोनोग्राफी के लिए बाहर से रेडियोलॉजिस्ट को बुलाता है, उनके लिए जिला अस्पताल में प्रत्येक रविवार को सेवा देना निर्धारित है. इसके बाद भी वो कई बार रविवार को नहीं आ पाते हैं.

आलम ये हो जाता है कि दूरदराज ग्रामीण अंचलों से आने वाले लोग जांच करवाने के लिए जिला चिकित्सालय पन्ना आते हैं और सोनोग्राफी और एक्स-रे सेंटर में ताला लगा देखकर घंटों डॉक्टर के इंतजार और सोनोग्राफी सेंटर खुलने के इंतजार में बैठे रहते हैं और मायूस होकर शाम को अपने घर लौट जाते हैं. जिनके पास पैसे होते हैं, वो प्राइवेट सोनोग्राफी करवा लेते हैं, लेकिन गरीब लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वहीं जिम्मेदार इस मामले में बात करने से बचते हैं और सिर्फ जानकारी लगने के बाद कार्रवाई की बात करते हैं.

पन्ना। जिला अस्पताल में हफ्ते में सिर्फ एक दिन ही सोनोग्राफी की सुविधा चंद घंटों के लिए उपलब्ध होती है. अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद करीब तीन साल से खाली है. इसके बाद भी इसे भरे जाने के लिए जिम्मेदारों ने प्रयास नहीं किए. इसके कारण जिला अस्पताल में सोनोग्राफी जैसी सामान्य सुविधाएं भी लोगों को नियमित नहीं मिल पा रही हैं.

तीन साल से खाली रेडियो लॉजिस्ट का पद

जिला प्रशासन और यहां के नेता व जनप्रतिनिधि जिले भर में एक रेडियोलॉजिस्ट भी मुहैया नहीं करा पा रहे हैं. इसके कारण हालात ये हैं कि सोनोग्राफी मशीन होने के बाद भी करीब 12 लाख की आबादी वाले इस जिले के लोगों को एक हफ्ते में चंद घंटों के लिए ही सोनोग्राफी कराने की सुविधा मिल पाती है. जिला अस्पताल प्रशासन सोनोग्राफी के लिए बाहर से रेडियोलॉजिस्ट को बुलाता है, उनके लिए जिला अस्पताल में प्रत्येक रविवार को सेवा देना निर्धारित है. इसके बाद भी वो कई बार रविवार को नहीं आ पाते हैं.

आलम ये हो जाता है कि दूरदराज ग्रामीण अंचलों से आने वाले लोग जांच करवाने के लिए जिला चिकित्सालय पन्ना आते हैं और सोनोग्राफी और एक्स-रे सेंटर में ताला लगा देखकर घंटों डॉक्टर के इंतजार और सोनोग्राफी सेंटर खुलने के इंतजार में बैठे रहते हैं और मायूस होकर शाम को अपने घर लौट जाते हैं. जिनके पास पैसे होते हैं, वो प्राइवेट सोनोग्राफी करवा लेते हैं, लेकिन गरीब लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वहीं जिम्मेदार इस मामले में बात करने से बचते हैं और सिर्फ जानकारी लगने के बाद कार्रवाई की बात करते हैं.

Intro:पन्ना।
एंकर :- सरकार और नेता भले ही कितनी भी ढींगे मार ले लेकिन सच्चाई यही है कि जिलेभर के मरीजों के लिए जिला अस्पताल में सप्ताह में सिर्फ 1 दिन ही सोनोग्राफी की सुविधा चंद घंटों के लिए उपलब्ध होती है जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद करीब 3 साल से रिक्त है इसके बाद भी इसे भरे जाने के लिए जिम्मेदारों ने प्रयास नहीं किए इसके कारण जिला अस्पताल में सोनोग्राफी जैसी सामान्य सुविधाएं भी जिले के लोगों को नियमित नहीं मिल पा रही हैं।


Body:जिला प्रशासन और यहां के नेता व जनप्रतिनिधि जिले भर में एक रेडियो लार्जेस्ट भी मुहैया नहीं करा पा रहे हैं इसके कारण हालात यह हैं कि सोनोग्राफी मशीन होने के बाद भी करीब 12 लाख की आबादी वाले इस जिले के लोगों को 1 सप्ताह में चंद घंटे के लिए ही सोनोग्राफी कराने की सुविधा मिल पाती है वह भी हर सप्ताह नहीं मिल पाती है जिला अस्पताल प्रशासन सोनोग्राफी के लिए बाहर से रेडियोलॉजिस्ट को बुलाता है उनके लिए जिला अस्पताल में प्रत्येक रविवार को सेवा देना निर्धारित है इसके बाद भी वह कई बार रविवार को भी नहीं आ पाते हैं।


Conclusion:आलम यह हो जाता है कि दूरदराज ग्रामीण अंचलों से आने वाले लोग जांच करवाने के लिए जिला चिकित्सालय पन्ना आते हैं और सोनोग्राफी और एक्स-रे सेंटर में ताला लगा देखकर घंटों डॉक्टर के इंतजार और सोनोग्राफी सेंटर खुलने के इंतजार में बैठे बैठे मायूस होकर शाम को अपने घर लौट जाते हैं जिनके पास पैसे होते हैं वह टबप्राइवेट सोनोग्राफी करवा लेते हैं लेकिन गरीब तबके के लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है वही जिम्मेदार इस मामले में बात करने से बचते हैं और सिर्फ जानकारी लगने के बाद कार्यवाही की बात करते हैं।
बाईट :- 1 राम बिहारी (समाजसेवी)
बाईट :- 2 आर.एस. त्रिपाठी (सिविल सर्जन)
Last Updated : Feb 4, 2020, 11:15 PM IST
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