MAGH SNAN IMPORTANCE: अंग्रेजी महीने में नए वर्ष की शुरुआत हो चुकी है और जनवरी का महीना चल रहा है. इसी जनवरी माह से माघ महीने की भी शुरुआत होने जा रही है. हिंदू धर्म में माघ महीने का बहुत ज्यादा महत्व है. इस माह में माघ स्नान, दान और पूजा पाठ को विशेष बताया गया है.
कब से शुरू हो रहा माघ का महीना ?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं की "माघ का महीना 14 जनवरी 2025 से शुरू हो जाएगा. हिंदू कैलेंडर में माघ 11वां महीना होता है. माघ का महीना पौष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है. माघ महीने में शाही स्नान की पहली तिथि 14 जनवरी को है. इस दिन माघ कृष्ण प्रतिपदा की मकर संक्रांति भी है. इसी दिन महा कुंभ का प्रथम शाही स्नान भी होगा.
माघ महीने में स्नान का महत्व
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "माघ महीने में सूर्योदय से पहले स्नान का बहुत महत्व होता है. इस दिन माघ महीने की शुरुआत के साथ ही पूरे महीने भर लोग माघ स्नान करते हैं. इसके लिए सूर्योदय से पहले किसी बहते हुए जल में अगर गंगा जी में स्नान कर सकते हैं, तो और अच्छी बात है नहीं जा पाते हैं, तो किसी नदी में बहते हुए जल में स्नान करें, वो भी नहीं कर पाते हैं तो घर में स्वच्छ जल लेकर उसमें थोड़ा सा गंगाजल ले करके स्नान करें. उतना ही पुण्य मिलता है. माघ महीने में स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ के बराबर ही पुण्य मिलता है.
स्नान के साथ ये काम जरूर करें
माघ महीने में सूर्योदय से पहले स्नान का काफी महत्व बताया गया है. इसके साथ ही स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें, भगवान विष्णु नारायण की पूजा करें, साथ ही तिल का दान करें. तिल का तेल लगाएं और माघ माह में गरीबों और जरूरतमंदों को कंबल और गर्म कपड़ों का भी दान करना चाहिए.
क्या होता है कल्पवास ?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि माघ महीने में कल्पवास का भी बहुत महत्व होता है. इसके लिए माघ महीने के प्रतिपदा से लेकर पूर्णमासी तक 30 दिन का कल्पवास होता है. इस अवधि में जो भी व्यक्ति कल्पवास करना चाहता है. वो गंगा जी के किनारे तंबू लगाकर वहीं रहता है. हर दिन सूर्योदय से पहले गंगा स्नान करता है. शाम के समय भी स्नान करता है. जिससे बहुत लाभ मिलता है. माघ महीने में हर वर्ष उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम के किनारे रेत पर तंबू बनाकर भक्तगणों का मेला लगा रहता है, वो कल्पवास ही करते हैं, क्योंकि माघ माह में कल्पवास करने का खास महत्व बताया गया है.
नदियों में स्नान और मेलों का आयोजन
माघ महीने में देखा गया है कि ज्यादातर नदियों में भीड़ लगी रहती है. लोग सूर्योदय से पहले स्नान करने पहुंचते हैं, तो वहीं माघ महीने में कई धार्मिक स्थलों पर मेलों का भी आयोजन किया जाता है.