पन्ना। जिले के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय गुनौर में इन दिनों भ्रष्टाचार का अंबार है. विद्यालय में सभी सुविधाओं के लिए कई बार सरकार की तरफ से लाखों का बजट आया लेकिन विद्यालय में किसी प्रकार की सुविधा नहीं दिखती है. विद्यालय का हाल बेहाल है. ऐसे में सवाल उठता है कि विद्यालय में सुधार और विकास के लिए आई राशि का उपयोग नहीं हुआ तो राशि कहां गयी ?
विद्यालय के भ्रष्टाचार पर नजर
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय गुनौर में पूर्व में भी कई लाख के घोटाले में प्रकरण विचाराधीन हैं. अब वर्तमान में पूर्व प्राचार्य विजय सिंह के द्वारा निर्माण कार्य के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार होने की बात कही जाती है. गलत तरीके से अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई इसकी वेतन पाने के लिए आज भी वो परेशान हैं.
विद्यालय का वित्त संबंधी प्रभार आज तक किसी को नहीं दिया गया. नहीं कोई कैशबुक ना ही कोई चेक बुक दी गई. विद्यालय में जो फर्नीचर था. उसे कबाड़ में बेच दिया गया विद्यालय में भारी-भरकम राशि को अनियमित एवं भ्रष्ट तरीके से खर्च किया गया. जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है. सालों से महत्वपूर्ण दस्तावेज रिकॉर्ड चेक बुक, फेसबुक आदि सभी कमरा नंबर 13 में कैद है. तो आखिर किस की सह पर भ्रष्ट तरीके से कराए गए निर्माण कार्यों की राशि खर्च की गई. इसमें ना तो किसी ने जांच बिठाई गई, ना ही किसी प्रकार की कार्रवाई हुई.
अस्पताल की बाउंड्री पर बना दी स्कूल की इमारत
उत्कृष्ट विद्यालय गुनौर में कई लाख रुपए का बजट था मगर पूर्व प्राचार्य विजय सिंह के कार्यकाल में जमकर भ्रष्टाचार हुआ. क्योंकि जिस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुनौर ने अपनी बाउंड्री बनवाई थी उस स्वास्थ्य केंद्र की बाउंड्री के ऊपर स्कूल ने इमारत खड़ी कर दी है. यह भी नहीं देखा कि उस स्वास्थ्य केंद्र की बाउंड्री में नींव ही नहीं है.