पन्ना। नसबंदी पूरा करने के टारगेट के चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है. जब एक महिला आशा कार्यकर्ता द्वारा नसबंदी ऑपरेशन करवाने गई थी, लेकिन न तो महिला को उसका सर्टिफिकेट और न कोई जरूरी दस्तावेज दिया गया है. मामला तब और गंभीर हो गया जब नसबंदी के दो महीने बाद महिला गर्भवती हो गई.
पूरा मामला पन्ना के पवई की निवासी गेंदा बाई का दहलान चौकी के एक आशा कार्यकर्ता द्वारा नसबंदी का ऑपरेशन करवाया गया था. जिसके महिला को न कोई सर्टिफिकेट और न ही कोई दस्तावेज दिए गए. महिला और उसका पति कई दिनों से अस्पताल और अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. लेकिन उन्हें दस्तावेज नहीं दिए गए.
गौर करने वाली बात यह है कि नसबंदी के दो महीने बाद ही महिला गर्भवती हो गई. महिला के पहले से दो बच्चें हैं. उन्हें अब और बच्चें नहीं चाहिए थे, जिसके चलते परिवार ने महिला की नसबंदी करवाई थी. लेकिन वो ऑपरेशन फेल हो गया. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों, आशा कार्यकर्ताओं, सहित गांव के सरपंच और सचिव को प्रति ऑपरेशन करवाने वाली महिलाओं को लाने और उनका ऑपरेशन करवाने के लिए 600 रुपए प्रोत्साहन राशि भी देने की बात सामने आई है. लिहाजा इसके चलते पन्ना में अंधाधुंध नसबंदी ऑपरेशन किए गए.