निवाड़ी। बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली ओरछा नगरी में महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपना जीवन यापन कर रही हैं. ओरछा में आने वाले देसी-विदेशी सैलानियों को अपने ई-रिक्शा में बैठा कर ऐतिहासिक मंदिर और महलों का भ्रमण कराती हैं. पिछले वर्ष 'नमस्ते ओरछा' कार्यक्रम की शुरुआत के दौरान तत्कालीन कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने ओरछा को एक नया रूप देने का जो काम किया था, वह बेहद सराहनीय रहा. उन्हीं के प्रयासों से ओरछा में महिलाओं को ई-रिक्शा प्रदान किए गए थे. आज वहीं महिलाएं ई-रिक्शा चलाकर देशी-विदेशी सैलानियों को रिक्शा में बैठा कर ओरछा भ्रमण कराती हैं. साथ ही उससे होने वाली आय से अपने परिवार का भरण पोषण भी करती हैं.
ओरछा में शुरू हुई हेलीकॉप्टर राइड, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाया कदम
रश्मि यादव के साथ हुई बातचीत
ई-रिक्शा चलाने वाली रश्मि यादव का कहना है कि उन्हें एक साल हो गया है ई-रिक्शा चलाए. प्रति दिन कभी 50 रुपये की आय होती है, तो कभी 100 रुपये की.