निवाड़ी। बुंदेलखंड में अब कोरोना वैक्सीन से नहीं बल्कि देवी मां को नीम के पत्तियां चढ़ाने और फिर उन पत्तियों का सेवन करने से कोरोना भागेगा, ये तस्वीरें मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की हैं जिसमें महिलाएं अपने साथ लोटे में जल और नीम की पत्तियों का झोंका लेकर मंदिर पहुंच रही हैं. जहां वे जल और नीम की पत्तियों का झोंका देवी मां को अर्पित करती हैं और फिर उसमें से कुछ पत्तियों को अपने साथ घर ले जाती हैं. जहां वे दो-दो पत्तियां घर के सदस्यों को प्रसाद के रूप खाने को देती हैं. कुछ पत्तियां घर के मुख्य दरवाजे के दोनों कोनों पर भी बांध देती हैं, उनका मानना है कि ऐसा करने से देवी मां की उनके परिवार पर कृपा दृष्टि बनी रहेगी और कोरोना से पूरा परिवार सुरक्षित रहेगा, वहीं इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि महिलाओं की कोरोना भगाने के लिये ये गलत धारणा है, भ्रम है. इससे कुछ नहीं होगा.
देश में कोरोना संक्रमण अपना कहर बरफा रहा है, शासन- प्रशासन कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये अपने स्तर से लगातार प्रयास कर रहा है, इसके लिये कोरोना कर्फ्यू लगाकर, वैक्सीन लगाकर, मास्क लगवाकर, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराकर कोरोना से बचने की कोशिश की जा रही है. वहीं बुन्देलखण्ड के निवाड़ी जिलें में आज भी लोग इस महामारी को देवी प्रकोप मानकर विज्ञान के इस युग में अंधविश्वास को बढ़ावा देने में लगे हैं और आज भी बड़ी संख्या में महिलाएं अपने हाथों में जल से भरे लोटा और नीम का झौंका लेकर पास के ही देवी मंदिर में पहुंचकर जल चढ़ाकर कोरोना महामारी से बचने के साथ ही इस महामारी को हमेशा के लिये समाप्त करने की देवी से प्रार्थना कर रहे हैं.
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वहीं इस पूरे मामले में चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि नहीं ये लोगों की गलत धारणा है, कोरोना भगाने के तो तीन मूल मंत्र हैं. फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनिटाइजर, कोरोना भगाने को लेकर नीम के पत्तों को लेकर गलत धारणा है, भ्रम है, इससे कुछ नहीं होगा. साथ ही ऐसे अंधविश्वास से बचना चाहिए.