नीमच। सरकार ने मनरेगा के सभी जिला प्रभारियों को माइक्रो प्लान बनाकर मजदूरों को पूरी मजदूरी दिलाने को लेकर पाबंद किया है. इसके तहत राज्य सरकार 16 दिसंबर से 15 फरवरी तक 'पूरा काम पूरा दाम' मुहिम भी चला रही हैं. वहीं मनरेगा माइक्रो प्लान को ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी बंद करने मांग राज्य सरकार से कर रहे है. ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों ने एक दिवसीय सामूहिक अवकाश रखकर नीमच जिला पंचायत में धरना दिया. कर्मचारियों का कहना है कि जनप्रतिनिधि मनरेगा योजना में मजदूर बढ़ाने को कहते हैं. मजदूर बढ़ाने से अच्छा है योजना को बंद कर दिया जाए.
- जनप्रतिनिधि दबाव बनाकर बढ़वाते हैं मजदूर
ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि इस योजना में सरकार ने लेबर बजट 100 प्रतिशत से 130 प्रतिशत या 200 प्रतिशत कर दिया गया है. ऐसे में पंचायतों के सचिव और रोजगार सहायकों पर जनप्रतिनिधियों ने दबाव बनाकर जहां 5 मजदूरों की आवश्यकता है. वहां 50 मजदूरों से कार्य करवाने का दबाव बनाया जाता है. जबकी मनरेगा मांग आधारित योजना है. जनप्रतिनिधियों की बात नहीं मानने पर निलंबन एवं सेवा समाप्ति की धमकी भी दी जा रही है. मनरेगा में प्रगति को आधार बनाकर वेतन राजसात करना वेतन काटने के आदेश किए जा रहे हैं.
- ये है जरूरी मांगें
कर्मचारियों की मांग है कि उपयंत्रों की प्रतिशतता आयोजित होने वाली मीटिंग को बंद किया जाए. मासिक बैठक अथवा पाक्षिक बैठक आयोजित की जाए. आर्थिक अनियमितता संबंधी मामलों में निलंबित सचिवों एवं सेवा समाप्ति किए हुए रोजगार सहायकों को तत्काल बहाल किया जाए. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों से अन्य विभागों के कार्य नहीं करवाए जाए. ज्ञापन में इन मांगों का भी जिक्र है.