नीमच। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान माफियाओं को खत्म करने के लिए कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं. नीमच में नार्कोटिक्स विंग और पुलिस पर लगातार मादक पदार्थ के झूठे केस बनाने आरोप लग रहे हैं. जिसके चलते सोशल मीडिया पर नार्कोटिक्स और पुलिस की छवि खराब हो रही है. नीमच में बीते दिनों रेलवे ठेकेदार अक्षय गोयल को अफीम के झूठे मामले में फंसाने का मामला सामने आया है.
आदिवासी युवक को बनाया आरोपी
नीमच एसपी कार्यालय में जिले की जीरन तहसील के गांव हरनावदा की रहने वाली ललिता परिजनों और समाजजनों के साथ पहुंची. इस दौरान उसने बताया कि मेरे पति फूलचंद को 22 मार्च को अपने भतीजे दिनेश के मृत्यु कार्यक्रम में थे. तब उनके मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति का फोन आया और उन्हें आवरी माता बुलाया गया. वे वहां गए तब से लापता हैं. पीड़िता ने बताया कि नारकोटिक विंग नरेंद्र जायसवाल का फोन भी आया था और वह मुझे धमकी दे रहे हैं की पैसे व्यवस्था करके लाओ नहीं, तो इन्हें फंसा दिया जाएगा. इसको लेकर भील समाज में भी रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि नारकोटिक्स के द्वारा झूठे केस बनाए जा रहे हैं हमें न्याय दिलाए.
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एसपी का हो चुका तबादला
नीमच में रेलवे ठेकेदार अक्षय का नीमच शहर से अपहरण कर पुलिस के द्वारा जावद में अफीम के झूठे केस में फंसाने की साजिश करने का मामला उजगार होने के बाद इसकी गूंज भोपाल तक पहुंच गई थी, जिसके बाद नीमच एसपी मनोज राय का तबादला भी कर दिया गया था. इसके बाद नीमच में उम्मीद थी कि नए एसपी की पदस्थ होने के बाद जिले में तस्करी के झूठे केस होना बंद हो जाएंगे. मगर इसके बाद भी जिले में तस्करी को लेकर पुलिस नारकोटिस विंग पर गठजोड़ के लगातार आरोप लग रही है.