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Coronavirus: दूसरी लहर से भी नहीं ली सीख, अब तक अधूरा ऑक्सीजन प्लांट का कार्य

विशेषज्ञों की माने तों कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की आशंका है. इसके बाद भी प्रशासन दूसरी लहर में जिन संसाधन के लिए सबसे ज्यादा परेशान रहा,उसके लिए इंतजाम अभी तक पूरे नहीं हो सके हैं. जिले में न ही अब तक ऑक्सीजन प्लांट लग सका है और न ही सीटी स्कैन मशीन लगी है, जोकि शासन-प्रशासन की लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण है.

Oxygen plant
ऑक्सीजन प्लांट
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Published : Jun 6, 2021, 7:45 AM IST

नीमच। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की आशंका है. इसके बाद भी प्रशासन दूसरी लहर में जिन संसाधन के लिए सबसे ज्यादा परेशान रहा,उसके लिए आज भी इंतजार ही चल रहा है. एक समय पर ऑक्सीजन की मारामारी के बाद भी जिले में अब तक ऑक्सीजन प्लांट नहीं बन सका है. वहीं मनासा में सरकारी ठेके के बाद शुरू हुआ ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार होकर शुरू भी हो गया.

अब तक अधूरा ऑक्सीजन प्लांट का कार्य

तीसरी लहर को संभालने के नहीं इंतजाम
कोरोना की दूसरी लहर में जिन संसाधनों के लिए परेशान होना पड़ा, उन संसाधनों को जुटाने में अब तक प्रशासन नाकाम होता दिख रहा है. यहां कोरोना की दूसरी लहर में 2 ऑक्सीजन प्लांट और एक स्कैन मशीन लगाई जानी थी. अप्रैल से शुरू हुए यह प्रयास जून शुरू होने के बाद तक अधूरे ही हैं. जिला अस्पताल में अब तक एक ऑक्सीजन प्लांट का कार्य भी पूरा नहीं हो सका है. सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार ने प्लांट लगाने के लिए शेड तो तैयार कर दिया है, मगर अब तक ऑक्सीजन प्लांट के लिए मशीन नहीं मिलने से ऑक्सीजन प्लांट का कार्य अधूरा ही है.


अभी तक नहीं लगी स्कैन मशीन

इसके अलावा राज्य सरकार ने जिला स्तर पर एक स्कैन मशीन लगाने के लिए भी निर्देश दिए थे. 1 माह से अधिक समय हो चुका है, मगर अब तक अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन भी नहीं लग सकी है. जबकि मशीन के लिए जगह तय कर दी गई है. यह निर्णय राज्य सरकार ने 7 मई को आदेश जारी कर दिए थे, जिसको भी करीब 1 माह का समय हो गया है. मगर सीटी स्कैन मशीन का अब तक कोई अता पता नहीं है. यदि ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लार अचानक भयानक रूप लेकर सामने आ जाए, तो नीमच जिले में इन सब संसाधनों के अभाव में एक बार फिर कोरोना से हालात बिगड़ सकते हैं. ऐसे में प्रशासन को और जनप्रतिनिधियों को भी अधूरे पड़े कार्यों को समय रहते पूरा करा लेना चाहिए.

दो ऑक्सीजन प्लांट किए थे स्वीकृत
बता दें कि मार्च 2021 में 40 से 50 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत थी, जो अप्रैल में 10 से 15 गुना बढ़कर 400-500 सिलेंडर हो गई. ऑक्सीजन की मांग बढ़ी तो प्रशासनिक अधिकारियों के सामने व्यवस्था करना चुनौती बन गया. ऐसे में नीमच में निंबाड़ा, चित्तौड़गढ़, रतलाम, इंदौर से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करनी पड़ी. अधिकारी रात दिन दौड़ते रहे कई स्थानों से जहां ऑक्सीजन मिल रही थी. वहां से भी सिलेंडर आने बंद हो गए. ऑक्सीजन के अभाव में मरीज अस्पताल में दम तोड़ रहे थे. हालात यह थे कि अस्पताल में 15 से 25 मौतें रोजना हो रही थीं. तब कहीं जाकर राज्य सरकार ने जिले में दो ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए.

JUDA DOCTORS की हड़ताल जारी, सीएम बोले- बातचीत जारी है

एक करोड 2 लाख की लागत से बन रहा प्लांट
अस्पताल के ट्रामा सेंटर के पीछे ऑक्सीजन का काम किया जा रहा है. इसकी लागत एक करोड़ 2 लाख रुपए तय की गई है. इस काम काफी तेज गति से करने के निर्देश दिए गए थे और यह 45 दिन में तैयार होना था, जो अब तक नहीं हो सका है.

नीमच। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की आशंका है. इसके बाद भी प्रशासन दूसरी लहर में जिन संसाधन के लिए सबसे ज्यादा परेशान रहा,उसके लिए आज भी इंतजार ही चल रहा है. एक समय पर ऑक्सीजन की मारामारी के बाद भी जिले में अब तक ऑक्सीजन प्लांट नहीं बन सका है. वहीं मनासा में सरकारी ठेके के बाद शुरू हुआ ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार होकर शुरू भी हो गया.

अब तक अधूरा ऑक्सीजन प्लांट का कार्य

तीसरी लहर को संभालने के नहीं इंतजाम
कोरोना की दूसरी लहर में जिन संसाधनों के लिए परेशान होना पड़ा, उन संसाधनों को जुटाने में अब तक प्रशासन नाकाम होता दिख रहा है. यहां कोरोना की दूसरी लहर में 2 ऑक्सीजन प्लांट और एक स्कैन मशीन लगाई जानी थी. अप्रैल से शुरू हुए यह प्रयास जून शुरू होने के बाद तक अधूरे ही हैं. जिला अस्पताल में अब तक एक ऑक्सीजन प्लांट का कार्य भी पूरा नहीं हो सका है. सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार ने प्लांट लगाने के लिए शेड तो तैयार कर दिया है, मगर अब तक ऑक्सीजन प्लांट के लिए मशीन नहीं मिलने से ऑक्सीजन प्लांट का कार्य अधूरा ही है.


अभी तक नहीं लगी स्कैन मशीन

इसके अलावा राज्य सरकार ने जिला स्तर पर एक स्कैन मशीन लगाने के लिए भी निर्देश दिए थे. 1 माह से अधिक समय हो चुका है, मगर अब तक अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन भी नहीं लग सकी है. जबकि मशीन के लिए जगह तय कर दी गई है. यह निर्णय राज्य सरकार ने 7 मई को आदेश जारी कर दिए थे, जिसको भी करीब 1 माह का समय हो गया है. मगर सीटी स्कैन मशीन का अब तक कोई अता पता नहीं है. यदि ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लार अचानक भयानक रूप लेकर सामने आ जाए, तो नीमच जिले में इन सब संसाधनों के अभाव में एक बार फिर कोरोना से हालात बिगड़ सकते हैं. ऐसे में प्रशासन को और जनप्रतिनिधियों को भी अधूरे पड़े कार्यों को समय रहते पूरा करा लेना चाहिए.

दो ऑक्सीजन प्लांट किए थे स्वीकृत
बता दें कि मार्च 2021 में 40 से 50 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत थी, जो अप्रैल में 10 से 15 गुना बढ़कर 400-500 सिलेंडर हो गई. ऑक्सीजन की मांग बढ़ी तो प्रशासनिक अधिकारियों के सामने व्यवस्था करना चुनौती बन गया. ऐसे में नीमच में निंबाड़ा, चित्तौड़गढ़, रतलाम, इंदौर से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करनी पड़ी. अधिकारी रात दिन दौड़ते रहे कई स्थानों से जहां ऑक्सीजन मिल रही थी. वहां से भी सिलेंडर आने बंद हो गए. ऑक्सीजन के अभाव में मरीज अस्पताल में दम तोड़ रहे थे. हालात यह थे कि अस्पताल में 15 से 25 मौतें रोजना हो रही थीं. तब कहीं जाकर राज्य सरकार ने जिले में दो ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए.

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एक करोड 2 लाख की लागत से बन रहा प्लांट
अस्पताल के ट्रामा सेंटर के पीछे ऑक्सीजन का काम किया जा रहा है. इसकी लागत एक करोड़ 2 लाख रुपए तय की गई है. इस काम काफी तेज गति से करने के निर्देश दिए गए थे और यह 45 दिन में तैयार होना था, जो अब तक नहीं हो सका है.

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