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नीमच: खरीफ की फसलों की खेती के लिए किसानों को दी गई ऑनलाइन ट्रेनिंग - जावद

नीमच में कृषि वैज्ञानिकों ने खरीफ की फसलों की खेती के संबंध में किसानों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी. जिसमें जिले के 35 किसान शामिल हुए. ऑनलाइन ट्रेनिंग के दौरान किसानों से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की भी अपील की गई.

Online training given to farmers
किसानों को दी गई ऑनलाइन ट्रेनिंग
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Published : Jun 12, 2020, 11:20 PM IST

नीमच। जिले के जावद, मनासा और नीमच विकासखंड के 24 विभागीय अधिकारियों ने 35 किसानों को खरीफ की फसलों की खेती करने की नई तकनीक की जानकारी दी. कृषि विज्ञान केन्द्र ने देश में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के मद्देनजर किसानों को ऑनलाइन तरीके से अपडेट किया. मानसून की दस्‍तक के साथ ही खरीफ की फसलों की बुवाई होगी, इसके लिए वैज्ञानिकों ने हाइटेक प्लानिंग के तहत जिले के कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों, मैदानी अमले ने कृषकों को खरीफ फसलों की उन्नत तकनीक पर ऑनलाइन ट्रेनिंग दी. साथ ही एक दूसरे ने अपनी-अपनी राय साझा की.

प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख डॉक्टर सीपी पचौरी ने विभागीय अमले को कोविड 19 के प्रति सावधानियां बरतने, मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित जानकारियां भी दी. साथ ही खरीफ से पूर्व खेत तैयार करना, मक्का फसल में फालआर्मी वर्म, टिड्डी दल के प्रकोप के मददेनजर मृदा उपचार और फसलों के बीज उपचार के बारे में जानकारी दी.

वहीं डॉक्टर पीएस नरुका ने उर्वरक प्रबंधन और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व के बारे में बताया. इसके अलवा डॉक्टर एसएस सारंगदेवोत ने कीट, व्याधि के नियंत्रण में कीट की पहचान और उसे नियंत्रित करने के लिए जैविक-रासायनिक उपाय बताए.

डॉक्टर शिल्पी वर्मा ने अंकुरण परीक्षण और नीदा उपचार में कल्चर के महत्व को बताया. वहीं डॉक्टर जेपी सिंह ने जैविक खेती और खरीफ फसलों की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम में उपसंचालक उद्यानिकी एनएस कुशवाह ने विभागीय, केन्द्र और राज्य शासन की योजनाएं के बारे में विस्‍तार से बताया. कृषि विभाग से डॉक्टर यतीन कुमार मेहता ने विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मान-दान योजना से कृषकों को जुड़ने के बारे में बताया.

नीमच। जिले के जावद, मनासा और नीमच विकासखंड के 24 विभागीय अधिकारियों ने 35 किसानों को खरीफ की फसलों की खेती करने की नई तकनीक की जानकारी दी. कृषि विज्ञान केन्द्र ने देश में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के मद्देनजर किसानों को ऑनलाइन तरीके से अपडेट किया. मानसून की दस्‍तक के साथ ही खरीफ की फसलों की बुवाई होगी, इसके लिए वैज्ञानिकों ने हाइटेक प्लानिंग के तहत जिले के कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों, मैदानी अमले ने कृषकों को खरीफ फसलों की उन्नत तकनीक पर ऑनलाइन ट्रेनिंग दी. साथ ही एक दूसरे ने अपनी-अपनी राय साझा की.

प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख डॉक्टर सीपी पचौरी ने विभागीय अमले को कोविड 19 के प्रति सावधानियां बरतने, मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित जानकारियां भी दी. साथ ही खरीफ से पूर्व खेत तैयार करना, मक्का फसल में फालआर्मी वर्म, टिड्डी दल के प्रकोप के मददेनजर मृदा उपचार और फसलों के बीज उपचार के बारे में जानकारी दी.

वहीं डॉक्टर पीएस नरुका ने उर्वरक प्रबंधन और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व के बारे में बताया. इसके अलवा डॉक्टर एसएस सारंगदेवोत ने कीट, व्याधि के नियंत्रण में कीट की पहचान और उसे नियंत्रित करने के लिए जैविक-रासायनिक उपाय बताए.

डॉक्टर शिल्पी वर्मा ने अंकुरण परीक्षण और नीदा उपचार में कल्चर के महत्व को बताया. वहीं डॉक्टर जेपी सिंह ने जैविक खेती और खरीफ फसलों की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम में उपसंचालक उद्यानिकी एनएस कुशवाह ने विभागीय, केन्द्र और राज्य शासन की योजनाएं के बारे में विस्‍तार से बताया. कृषि विभाग से डॉक्टर यतीन कुमार मेहता ने विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मान-दान योजना से कृषकों को जुड़ने के बारे में बताया.

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