नीमच। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले समंदर पटेल ने प्रेस वार्ता की. हालांकि उनकी वापसी से कांग्रेस में भी कलह मच गई है. करीब 5 साल पहले कांग्रेस से बगावत कर विधानसभा चुनाव लड़े और तीसरे नंबर पर रहे समंदर पटेल अब बीजेपी को बाय-बाय बोलकर घर वापसी कर रहे हैं. संदर पटेल तीन साल से अधिक सत्ताधारी दल भाजपा में रहे और अब चुनाव के ठीक तीन माह पहले उन्हे भाजपा में घुटन होने लगी. उन्होंने जनता की सेवा करने की इच्छा व्यक्त करते हुए कांग्रेस का सहारा लेना ठीक समझा. अब उन्होंने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दूसरी ओर, कांग्रेस में दलबदलुओं की भर्ती से पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है.
समंदर का विरोध शुरू : समंदर पटेल द्वाारा फिर से शामिल होने की खबरों के बाद अब कलह भी शुरू हो गई है. कई लोग फेसबुक और व्हाट्सएप पर उन्हें दागी, बागी और गद्दार तक बता रहे हैं. कांग्रेस ने बागी बनने पर समंदर पटेल को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया था. इसके बाद वह भाजपा में चले गए. जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौरसिया नेपटेल की प्रेस वार्ता करवाई. इस दौरान कांग्रेस के दिग्गज सत्यनारायण पाटीदार, राजकुमार अहीर की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय रही.
ये खबरें भी पढ़ें... |
बीजेपी से टिकट की संभावना नहीं थी : नीमच जिले में नीमच, जावद व मनासा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस या भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले कभी जीत हासिल नहीं कर पाए है. समंदर पटेल जावद क्षेत्र में करीब 10 वर्ष से सक्रिय हैं. बीते विधानसभा चुनाव 2018 में पटेल को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था तो उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी थी. पटेल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण जावद क्षेत्र में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. प्रदेश में कांग्रेस नीत कमलनाथ सरकार बनीं तो डेढ़ साल बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ समंदर पटेल भी भाजपा में शामिल हो गए. जावद क्षेत्र से लगातार चुनाव जीत रहे कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा का प्रभाव अधिक है, ऐसे में पटेल को बीजेपी से टिकट मिलना संभव नहीं था. इसलिए वह कांग्रेस में आ गए.