नीमच। जावद विधानसभा क्षेत्र में सिंगोली तहसील की ग्राम पंचायत बधावा में एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेता ने सरपंच की कुर्सी पर बैठकर कांग्रेस को मुद्दा दे दिया है. इस घटना को प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान बता रही है.
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण चल रहा था : मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विदिशा में किसान सम्मान निधि वितरण कार्यक्रम के लाइव प्रसारण से जुड़ा है. ग्राम पंचायत बधावा में भी इस कार्यक्रम का प्रसारण देखा जा रहा था. इस दौरान भाजपा के रतनगढ़ मंडल अध्यक्ष जसवंत बंजारा सरपंच की कुर्सी पर बैठे थे. उनके पास की मुख्य सीट पर तहसीलदार मोनिका जैन, फिर मंडल महामंत्री रिंकेश मंडोवरा बैठे हुए थे. वहीं, सरपंच धनराज देवीलाल मेघवाल को इनके बाद जगह मिली थी.
अनुसूचित जाति से हैं सरपंच : सरपंच धनराज के अनुसूचित जाति वर्ग से होने के कारण कांग्रेस ने इस मुद्दे को तुरंत लपक लिया. जावद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नेता सत्यनारायण पाटीदार ने भाजपा नेता को बड़ी कुर्सी और निर्वाचित सरपंच को छोटी कुर्सी देने का आरोप लगाते हुए इसे जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि का अपमान बताया है. यही नहीं, उन्होंने कलेक्टर से तहसीलदार की मौजूदगी में सरपंच को सम्मान नहीं दिए जाने की घटना पर कार्रवाई की मांग भी की है.
प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने का आरोप : पूर्व जनपद सदस्य सत्यनारायण पाटीदार ने कहा, 'भाजपा सरकार में अनुसूचित जाति के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा हो रही है. भाजपा नेता मुख्य अतिथि की कुर्सी पर बैठते हैं. सरपंचों को प्रोटोकॉल के तहत उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है. यह पूरा काम प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हो रहा है. जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.'
Bageshwar Dham Sarkar : पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर पर हाजिरी लगाएंगे कमलनाथ
भाजपा ने किया बचाव : कांग्रेस के इस आरोप को फिजूल बताते हुए भाजपा के रतनगढ़ मंडल अध्यक्ष जसवंत बंजारा ने कहा, 'हमें कार्यक्रम में ग्राम पंचायत द्वारा आमंत्रित किया गया था. कुर्सियां खाली थीं. जहां सरपंच ने बैठाया, हम वहीं बैठ गए. न तो हमने निर्वाचित जनप्रतिनिधि का अपमान किया और न ही हमारी ऐसी कोई मंशा थी.' वहीं, ग्राम पंचायत बधावा के सरपंच धनराज देवीलाल मेघवाल बोले,
'लाइव प्रसारण कार्यक्रम में हमने ही अतिथियों को आमंत्रित किया था. कुर्सी पर बैठने को लेकर जनप्रतिनिधियों के अपमान जैसी कोई बात ही नहीं है.'