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सोमवती अमावस्या पर चमत्कारी कल्पवृक्ष की पूजा करना होता है फलदायी - Kalpvriksha

जावद और चपलाना में लगे कल्पवृक्ष के दर्शन के लिए श्रावण और सोमवती अमावस्या के अवसर पर आसपास के गावों के लोगों ने पूजा-अर्चना की.

Kalpavriksha
कल्पवृक्ष के दर्शन से मिलता है लाभ
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Published : Jul 21, 2020, 9:02 AM IST

नीमच। वेद-पुराणों में कल्पवृक्ष का उल्लेख बेहद ही पवित्र और चमत्कारिक वृक्ष के रूप में किया गया है. सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार कल्पवृक्ष स्वर्ग का वृक्ष है, जो पूजनीय है. कहा जाता है कि इस पेड़ में भगवान की शक्तियां हैं. जो भी इस पेड़ के नीचे बैठकर मन्नत मांगता है, वो जरुर पूरी होती है, ये वृक्ष काफी दुर्लभ है जिसका नाम काफी कम लोगों ने सुना है.

Devotees seeking to sit under the tree
कल्पवृक्ष के दर्शन से मिलता है लाभ

कल्पवृक्ष आसानी से किसी भी जगह पर नहीं लग पाता है, लेकिन नीमच जिले में एक वृक्ष जावद में अठाना रोड पर है और दूसरा चपलाना में है. कल्पवृक्ष के इन दोनों ही पेड़ों पर काफी सुंदर फूल लगे हैं, श्रावण के महीने में लोग दूर-दूर से इस चमत्कारी वृक्ष के दर्शन के लिए आते हैं. सोमवती अमावस्या पर मोखमपुरा, चपलाना और आसपास के गावों के लोगों ने कल्पवृक्ष के दर्शन कर पूजा की.

बरगद के वृक्ष जैसे दिखने वाला कल्पवृक्ष एक फलदायी वृक्ष है, जिसमें कभी-कभार और बहुत ही कम संख्या में फूल लगते हैं. कल्पवृक्ष लगभग 70 फीट ऊंचा होता है, इसके तने का व्यास 35 फीट तक हो सकता है. 150 फीट तक इसके तने का घेरा हो सकता है, इस वृक्ष की औसत जीवन अवधि 2500-3000 साल होती है.

नीमच। वेद-पुराणों में कल्पवृक्ष का उल्लेख बेहद ही पवित्र और चमत्कारिक वृक्ष के रूप में किया गया है. सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार कल्पवृक्ष स्वर्ग का वृक्ष है, जो पूजनीय है. कहा जाता है कि इस पेड़ में भगवान की शक्तियां हैं. जो भी इस पेड़ के नीचे बैठकर मन्नत मांगता है, वो जरुर पूरी होती है, ये वृक्ष काफी दुर्लभ है जिसका नाम काफी कम लोगों ने सुना है.

Devotees seeking to sit under the tree
कल्पवृक्ष के दर्शन से मिलता है लाभ

कल्पवृक्ष आसानी से किसी भी जगह पर नहीं लग पाता है, लेकिन नीमच जिले में एक वृक्ष जावद में अठाना रोड पर है और दूसरा चपलाना में है. कल्पवृक्ष के इन दोनों ही पेड़ों पर काफी सुंदर फूल लगे हैं, श्रावण के महीने में लोग दूर-दूर से इस चमत्कारी वृक्ष के दर्शन के लिए आते हैं. सोमवती अमावस्या पर मोखमपुरा, चपलाना और आसपास के गावों के लोगों ने कल्पवृक्ष के दर्शन कर पूजा की.

बरगद के वृक्ष जैसे दिखने वाला कल्पवृक्ष एक फलदायी वृक्ष है, जिसमें कभी-कभार और बहुत ही कम संख्या में फूल लगते हैं. कल्पवृक्ष लगभग 70 फीट ऊंचा होता है, इसके तने का व्यास 35 फीट तक हो सकता है. 150 फीट तक इसके तने का घेरा हो सकता है, इस वृक्ष की औसत जीवन अवधि 2500-3000 साल होती है.

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