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नीमच में किसानों को नहीं मिल रहा प्याज का उचित मूल्य, महानगरों में महंगा बिक रहा प्याज - व्यावसायी संघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल

प्याज उत्पादक राज्यों में अत्यधिक वर्षा के चलते देशभर में प्याज के दाम बढ़ गए हैं, लेकिन मालवा के किसानों की स्थिति प्याज को लेकर अलग है, यहां नीमच जिले के किसानों ने बड़े पैमाने पर होने वाली प्याज की खेती और अच्छी आवक के चलते मंडी में किसानों का प्याज काम दाम पर लिया जा रहा है.

price for onion in Neemuch
प्याज का उचित मूल्य
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Published : Oct 30, 2020, 8:28 AM IST

Updated : Oct 30, 2020, 1:27 PM IST

नीमच। भले ही महानगरों तथा बड़े शहरों में प्याज के दाम आसमान छू रहे हों, लेकिन मालवा के किसानों की स्थिति प्याज को लेकर अलग है. दरअसल मालवा के नीमच क्षेत्र में करीब सवा लाख किसान हैं और इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्याज की फसल बोई जाती है. इस समय महानगरों में प्याज की कीमत करीब 80 रुपए प्रति किलो है, लेकिन यहां की तस्वीर कुछ और है. ईटीवी भारत की टीम ने प्रदेश की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी कही जाने वाली नीमच मंडी का जायजा लिया और किसानों से बात की.

प्याज के दाम से नाखुश नीमच के किसान

किसानों में प्याज के भाव को लेकर नाराजगी दिखाई दे रही है. दरअसल किसानों का कहना है, दीपावली का त्योहार नजदीक है, आने वाले दिनों में मंडी में छुट्टियां हैं, ऐसे में बड़ी तादाद में किसान मंडी में प्याज बेचने आ रहे हैं, पर उन्हें प्याज के भाव कम से कम 8 रुपए प्रति किलो से लेकरअधिक से अधिक 25 से 35 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल पा रहा है. किसानों का कहना है कि, वे दो-तीन दिनों से प्याज बेचने मंडी में आए हुए हैं, उन्हें प्याज के भाव कम ही मिल रहे हैं. किसानों का आरोप है कि, मंडी व्यापारी और बिचौलियों के चलते किसानों को प्याज का दाम पूरा नहीं मिल पा रहा है.

किसानों को नहीं मिल रहा प्याज का उचित मूल्य

पढे़े-प्याज के निर्यात पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक, दूसरे देशों को जारी की आयात की अनुमति

महानगरों में भले ही प्याज 80 रुपए प्रति किलो बिक रहा हो, लेकिन मालवा के किसान प्याज के दाम को लेकर नाखुश दिखाई दे रहे हैं. वही मामले में मंडी व्यापारी का कहना है, पुराना प्याज 55 रुपए प्रति किलो में बिक रहा रहा है, तो निम्न क्वालिटी के प्यास की 8 रुपए प्रति किलो से बोली लग रही है. मंडी में 29 अक्टूबर को प्याज की आवक करीब 17 हजार बोरी थी, हालांकि व्यापारी और अधिकारी के अपने-अपने तर्क हैं, लेकिन किसानों की हालत तो वहीं बनी हुई है. यहां तक कि, किसानों का तो ये भी कहना है कि, एक बीघे में उगाई गई प्याज की फसल में 20 से 25 हजार का खर्च आता है, इसके लिए किसानों को कम से कम 70 रुपए प्रति किलो के हिसाब से प्याज के दाम मिलने ही चाहिए. बात की जाए रिटेल मार्केट की तो यहां पर 40 से 60 रुपए किलो में ग्राहकों को प्याज बेचा जा रहा है.

महानगरों में क्यों महंगा हो रहा है प्याज ?

कुछ दिनों से दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के कई इलाकों में हुई भारी बारिश से खेतों में प्याज की फसल बर्बाद हुई है, जिसकी वजह से प्याज के भाव आसमान पर पहुंच रहे हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक में फसल को नुकसान हुआ है. सामान्य तौर पर खपत वाले इलाकों में इस समय कीमतों पर दबाव होता है, लेकिन बारिश से बर्बाद हुई फसल से सप्लाई प्रभावित हुई है.

मुनाफाखोरी भी बड़ी वजह

थोक आलू-प्याज व्यावसायी संघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल का कहना है कि, ऊपरी मंडी में ही प्याज की कीमतों में तेजी है. इसका असर ही कीमतों में वृद्धि के रूप में देखने को मिल रहा है और राजधानी भोपाल में इसके दाम बढ़ गए हैं. स्टाक लिमिट हटने से जमाखोरों की मौज हो रही है.

नीमच। भले ही महानगरों तथा बड़े शहरों में प्याज के दाम आसमान छू रहे हों, लेकिन मालवा के किसानों की स्थिति प्याज को लेकर अलग है. दरअसल मालवा के नीमच क्षेत्र में करीब सवा लाख किसान हैं और इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्याज की फसल बोई जाती है. इस समय महानगरों में प्याज की कीमत करीब 80 रुपए प्रति किलो है, लेकिन यहां की तस्वीर कुछ और है. ईटीवी भारत की टीम ने प्रदेश की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी कही जाने वाली नीमच मंडी का जायजा लिया और किसानों से बात की.

प्याज के दाम से नाखुश नीमच के किसान

किसानों में प्याज के भाव को लेकर नाराजगी दिखाई दे रही है. दरअसल किसानों का कहना है, दीपावली का त्योहार नजदीक है, आने वाले दिनों में मंडी में छुट्टियां हैं, ऐसे में बड़ी तादाद में किसान मंडी में प्याज बेचने आ रहे हैं, पर उन्हें प्याज के भाव कम से कम 8 रुपए प्रति किलो से लेकरअधिक से अधिक 25 से 35 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल पा रहा है. किसानों का कहना है कि, वे दो-तीन दिनों से प्याज बेचने मंडी में आए हुए हैं, उन्हें प्याज के भाव कम ही मिल रहे हैं. किसानों का आरोप है कि, मंडी व्यापारी और बिचौलियों के चलते किसानों को प्याज का दाम पूरा नहीं मिल पा रहा है.

किसानों को नहीं मिल रहा प्याज का उचित मूल्य

पढे़े-प्याज के निर्यात पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक, दूसरे देशों को जारी की आयात की अनुमति

महानगरों में भले ही प्याज 80 रुपए प्रति किलो बिक रहा हो, लेकिन मालवा के किसान प्याज के दाम को लेकर नाखुश दिखाई दे रहे हैं. वही मामले में मंडी व्यापारी का कहना है, पुराना प्याज 55 रुपए प्रति किलो में बिक रहा रहा है, तो निम्न क्वालिटी के प्यास की 8 रुपए प्रति किलो से बोली लग रही है. मंडी में 29 अक्टूबर को प्याज की आवक करीब 17 हजार बोरी थी, हालांकि व्यापारी और अधिकारी के अपने-अपने तर्क हैं, लेकिन किसानों की हालत तो वहीं बनी हुई है. यहां तक कि, किसानों का तो ये भी कहना है कि, एक बीघे में उगाई गई प्याज की फसल में 20 से 25 हजार का खर्च आता है, इसके लिए किसानों को कम से कम 70 रुपए प्रति किलो के हिसाब से प्याज के दाम मिलने ही चाहिए. बात की जाए रिटेल मार्केट की तो यहां पर 40 से 60 रुपए किलो में ग्राहकों को प्याज बेचा जा रहा है.

महानगरों में क्यों महंगा हो रहा है प्याज ?

कुछ दिनों से दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के कई इलाकों में हुई भारी बारिश से खेतों में प्याज की फसल बर्बाद हुई है, जिसकी वजह से प्याज के भाव आसमान पर पहुंच रहे हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक में फसल को नुकसान हुआ है. सामान्य तौर पर खपत वाले इलाकों में इस समय कीमतों पर दबाव होता है, लेकिन बारिश से बर्बाद हुई फसल से सप्लाई प्रभावित हुई है.

मुनाफाखोरी भी बड़ी वजह

थोक आलू-प्याज व्यावसायी संघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल का कहना है कि, ऊपरी मंडी में ही प्याज की कीमतों में तेजी है. इसका असर ही कीमतों में वृद्धि के रूप में देखने को मिल रहा है और राजधानी भोपाल में इसके दाम बढ़ गए हैं. स्टाक लिमिट हटने से जमाखोरों की मौज हो रही है.

Last Updated : Oct 30, 2020, 1:27 PM IST
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