नीमच। एक दिन पहले 22 जुलाई को दोपहर 2.43 पर हिंदुस्तान का GSLV MK।।।-M1 व्हीकल चंद्रयान-2 को लेकर अंतरिक्ष की ओर जैसे ही निकला. भारत के दूसरी बार चांद पर कदम रखने की संभावना बेहद प्रबल हो गयी. भारत के मिशन चंद्रयान-2 की सफलता पर तमाम देशों ने बधाई दी, लेकिन इस सफलता पर बधाई के असली हकदार वो लोग हैं, जिनकी मेहनत की बदौलत भारत ने ये मुकाम हासिल किया है. जिनमें गांव से लेकर शहर तक और किसान से लेकर महिला तक की प्रमुख भूमिका रही. नीमच जिले के मनासा तहसील के देवरी खवासा गांव निवासी विवेक पाटीदार ने भी इस अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. जो इसरो में इंजीनियर पद पर तैनात हैं. विवेक के पिता बाबूलाल पाटीदार व माता मंजू बाई आज भी गांव में खेती करते हैं. बेटे की इस सफलता पर माता-पिता ने खुशी जताई है.
चंद्रयान-2 की सफलता के साथ ही विवेक के गांव में भी जश्न शुरू हो गया था, विवेक के माता-पिता को लोगों ने उनके बेटे की सफलता पर बधाई दी. विवेक ने गांव के सरस्वती शिशु मंदिर से पढ़ाई शुरू की, फिर जवाहर नवोदय विद्यालय रामपुरा. और उसके बाद इंदौर से हायर सेकेंड्री की पढ़ाई की. इसके बाद आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर गुवाहाटी से इलेक्ट्रिकल से इंजीनियरिंग किया. फिर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र में बतौर वैज्ञानिक चयन हुआ. अब बेटे की कामयाबी पर माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसू छलक रहे हैं तो गर्व से सीना भी चौड़ा हो गया है.