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35 साल से खेती कर रहे किसान को जमीन छोड़ने का नोटिस, कलेक्टर से लगाई मदद की गुहार - नीमच जिले में बंजर भूमि

नीमच जिले में बंजर भूमि पर मेहनत करके खेती लायक बनाकर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले परिवार को औद्योगिक संस्था ने जमीन छोड़ने का नोटिस दिया है. जिसके चलते पीड़ित परिवार ने नीमच कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और मदद की गुहार लगाई है.

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Published : Oct 1, 2020, 6:30 PM IST

नीमच। मध्यप्रदेश के नीमच में कई सालों से बंजर भूमि पर मेहनत करके खेती लायक बनाकर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले परिवार को औद्योगिक संस्था ने जमीन छोड़ने का नोटिस दिया है. जिसके चलते नाराज लोगों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौपा और मदद की गुहार लगाई है.

जिला कलेक्टर को सौपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि, कालबेलिया समाज एवं परिजनों ने कई बार कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन उचित निराकरण नहीं निकलने के कारण औद्योगिक क्षेत्र एवं पटवारी द्वारा बार-बार परेशान किया जाता है. पीड़ित का कहना है कि, झांझरवाडा में शासकीय बंजर भूमि सर्वे क्रमांक 31/281 रकबा 5.0339 हेक्टेयर में करीब 35 सालों से खेती कर रहे हैं, लेकिन अब गांव के पटवारी एवं औद्योगिक संस्था उनकी भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं.

इतना ही नहीं, पीड़ित परिवार ने ज्ञापन में बताया है कि, उपरोक्त भूमि पर अगर औद्योगिक संस्था की शुरुआत की जाती है, तो परिवार को उचित मुआवजा देकर आर्थिक सहायता प्रदान जी जाए. अन्यथा कहीं दूसरी जगह भूमि देकर परिवार के पालन पोषण की व्यवस्था की जाए.

नीमच। मध्यप्रदेश के नीमच में कई सालों से बंजर भूमि पर मेहनत करके खेती लायक बनाकर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले परिवार को औद्योगिक संस्था ने जमीन छोड़ने का नोटिस दिया है. जिसके चलते नाराज लोगों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौपा और मदद की गुहार लगाई है.

जिला कलेक्टर को सौपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि, कालबेलिया समाज एवं परिजनों ने कई बार कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन उचित निराकरण नहीं निकलने के कारण औद्योगिक क्षेत्र एवं पटवारी द्वारा बार-बार परेशान किया जाता है. पीड़ित का कहना है कि, झांझरवाडा में शासकीय बंजर भूमि सर्वे क्रमांक 31/281 रकबा 5.0339 हेक्टेयर में करीब 35 सालों से खेती कर रहे हैं, लेकिन अब गांव के पटवारी एवं औद्योगिक संस्था उनकी भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं.

इतना ही नहीं, पीड़ित परिवार ने ज्ञापन में बताया है कि, उपरोक्त भूमि पर अगर औद्योगिक संस्था की शुरुआत की जाती है, तो परिवार को उचित मुआवजा देकर आर्थिक सहायता प्रदान जी जाए. अन्यथा कहीं दूसरी जगह भूमि देकर परिवार के पालन पोषण की व्यवस्था की जाए.

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