नीमच। कृषि कानूनों को लेकर देशभर में किसान और विपक्षी पार्टियां विरोध कर रहे हैं. इसी सिलसिले में कांग्रेस ने आज जिले में ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया था. कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजीत कांठेड़ ने बताया की सरकार का निर्णय किसानों को लाभ पहुंचाने की बजाय नुकसान पहुंचाएंगे. कानूनों से अन्नदाता किसान स्वयं ही सहमत नहीं हैं, तो क़ानूनों की क्यों जबरदस्ती किसानों पर लादे जा रहे हैं. भारत में 85 प्रतिशत किसान मध्यम वर्गीय है, जिन्हें अपनी उपज पकते ही आर्थिक अक्षमता के कारण तुरंत मंडी में जाकर बेचनी पड़ती हैं, क्योंकि उसे रुपयों की आवश्यकता होती है. नए अध्यादेश के कारण उसे निजी मण्डी में मजबूरन अपनी उपज कम दाम पर उद्योगपतियों को बेचनी पड़ेगी.
अडानी-अम्बानी ने भंडारण के लिये बना लिये हैं बड़े-बड़े गोदाम
उन्होंने कहा कि निजी मंडियों में खरीदी के लिए उद्योगपतियों ने बड़े-बड़े गोदाम बना लिये हैं. आगामी व्यवस्था कर ली है. अजीत कांठेड़ ने ये भी कहा कि इससे किसानों को अपनी उपज का दाम कम मिलेगा. सरकार के मित्र उद्योगपति कालाबाज़ारी कर जनता को अपनी मर्जी माफीक मूल्य पर बेचेंगे. जिसके कारण देश की जनता को आवश्यक वस्तुएं ऊंचे मूल्य पर मिलेंगी. वहीं महंगाई उच्चस्तर पर पहुंचेगी. हमारा अन्नदाता कांट्रेक्ट खेती के कारण स्वयं की ज़मीन पर मज़दूर बन कर रह जाएगा.
प्रदर्शन में करीब 60 जवान शहीद हो चुके हैं
कांग्रेस नेता ने कहा तीन कानूनों के विरोध में भारत के किसान पिछले 50 दिनों से दिल्ली बार्डर पर कड़कड़ातीं ठंड में सरकार द्वारा जबरदस्ती थोपे गए कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. अब तक प्रदर्शन में करीब 60 जवान शहीद हो चुके हैं. कांग्रेस ने शहीद किसानों को श्रद्धासुमन अर्पित किए. साथ ही हिटलर शाही प्रवृति की सरकार से अध्यादेश वापस लेने की मांग का समर्थन किया.
आगे आने की होड़ में आपस में भिड़े कांग्रेस नेता
वाहन रैली के दौरान टैगोर मार्ग पर पूर्व मंत्री नरेंद्र नहाटा और पूर्व विधायक नंदकिशोर पटेल ट्रैक्टर को आगे लाने के लिए कांग्रेस नेता राजकुमार अहीर व उमराव सिंह गुर्जर में आपसी कहासुनी हो गई. नाराजगी जताते हुए नरेंद्र नहाटा व नंदकिशोर पटेल ने अपने-अपने ट्रैक्टर को बीच रास्ते में ही रोक दिया. अन्य नेताओं की समझाइश के बाद नाहटा ने अपना ट्रैक्टर पुन: आगे की ओर लिया और रैली सुचारू रूप से शुरू की गई.