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मिड डे मील के नाम पर छात्रों से धोखा, परोसा जा रहा घटिया खाना

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Published : Dec 10, 2019, 11:03 PM IST

तेंदूखेड़ा तहसील की वीकोर ग्राम पंचायत के सरकारी स्कूल में छात्रों को अच्छी क्वालिटी का भोजन नहीं दिया जा रहा है.

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मिड डे मील के नाम पर छात्रों से धोखा

नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत किसी से छिपी नहीं है. कहीं छात्रों को टीचर नहीं मिलते तो कहीं मध्याह्न भोजन नसीब नहीं होता. जिन स्कूलों में मिड डे मील मिल भी जाता है तो उसकी क्वालिटी काफी खराब होती है. ऐसा ही मामला तेंदूखेड़ा तहसील की वीकोर ग्राम पंचायत से सामने आया है. यहां के शासकीय माध्यमिक स्कूल में छात्रों को अच्छी क्वालिटी का मिड डे मील नहीं दिया जा रहा है.

मिड डे मील के नाम पर छात्रों से धोखा


यही वजह है कि छात्र मजबूरन स्कूल से घर खाना खाने जाते हैं. वीकोर के स्कूल में 196 छात्र पढ़ते हैं. जिसमें 60 से 65 बच्चे मध्याह्न भोजन स्कूल में करते हैं. बाकी अपने-अपने घर जाकर भोजन करते हैं. छात्रों का कहना है कि स्कूल में अच्छा खाना नहीं मिलता है.


आरोप है कि स्व सहायता समूह शासन की योजनाओं में पलीता लगाने का काम कर रहे हैं. इसी वजह से छात्रों को उस क्वालिटी का भोजन नहीं परोसा जा रहा है, जो योजना के मानकों के अनुसार दिया जाना चाहिए. मामला सामने आने के बाद तेंदूखेड़ा एसडीएम ने जांच का आश्वासन दिया है.

नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत किसी से छिपी नहीं है. कहीं छात्रों को टीचर नहीं मिलते तो कहीं मध्याह्न भोजन नसीब नहीं होता. जिन स्कूलों में मिड डे मील मिल भी जाता है तो उसकी क्वालिटी काफी खराब होती है. ऐसा ही मामला तेंदूखेड़ा तहसील की वीकोर ग्राम पंचायत से सामने आया है. यहां के शासकीय माध्यमिक स्कूल में छात्रों को अच्छी क्वालिटी का मिड डे मील नहीं दिया जा रहा है.

मिड डे मील के नाम पर छात्रों से धोखा


यही वजह है कि छात्र मजबूरन स्कूल से घर खाना खाने जाते हैं. वीकोर के स्कूल में 196 छात्र पढ़ते हैं. जिसमें 60 से 65 बच्चे मध्याह्न भोजन स्कूल में करते हैं. बाकी अपने-अपने घर जाकर भोजन करते हैं. छात्रों का कहना है कि स्कूल में अच्छा खाना नहीं मिलता है.


आरोप है कि स्व सहायता समूह शासन की योजनाओं में पलीता लगाने का काम कर रहे हैं. इसी वजह से छात्रों को उस क्वालिटी का भोजन नहीं परोसा जा रहा है, जो योजना के मानकों के अनुसार दिया जाना चाहिए. मामला सामने आने के बाद तेंदूखेड़ा एसडीएम ने जांच का आश्वासन दिया है.

Intro:मध्यान भोजन में बच्चों के मुंह से छीना जा रहा निवाला नहीं दिया जाता भरपेट भोजन आधे से ज्यादा बच्चे अपने घर जाकर करते हैं भोजन, बच्चों से कराई जाती है थाली साफBody:मध्यान भोजन में बच्चों के मुंह से छीना जा रहा निवाला नहीं दिया जाता भरपेट भोजन आधे से ज्यादा बच्चे अपने घर जाकर करते हैं भोजन

तेंदूखेड़ा नरसिंहपुर
तेंदूखेड़ा तहसील के ग्राम पंचायत वीकोर के शासकीय माध्यमिक शाला वीकोर में 196 बच्ची अध्ययन करने आते है जिसमें 60 से 65 बच्चे मध्यान भोजन स्कूल में करते हैं बाकी बच्चे अपने अपने घर जाकर भोजन करते हैं बच्चों का कहना है कि अच्छा खाना नहीं मिलता है स्कूल में
बच्चों के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजना मध्यान भोजन मैं नहीं बनाया जाता स्वादिष्ट भोजन जिस से आधे से ज्यादा बच्चे अपने घर जाकर भोजन करते हैं
बच्चों को नहीं दिया जाता भरपेट भोजन बच्चों को खुद अपनी थाली धोना पड़ती है छोटे-छोटे बच्चों के मुंह से निवाला छीन कर स्व सहायता समूह भर रहा अपना पेट
शासन द्वारा चलाई जा रही योजना जिससे बच्चों का विकास हो सके लेकिन स्व सहायता समूह द्वारा लगाया जा रहा पलीता

01 बाइट- मुकेश लोधी छात्र
02 बाइट- सत्यम साहू छात्र
03बाइट- अरमान खान छात्र
04 बाइट- सजल छात्र
05 बाइट- रिंकी छात्रा
06 बाइट- संतोष साहू सरपंच विकोर
07 बाइट- मानसिंह प्रधान पाठक विकोर
08 बाइट- आर एस राजपूत
एसडीएम तेंदूखेड़ा

Conclusion:
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