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शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने सादगी से मनाया स्वतंत्रता दिवस, कहा-आजादी के लिए जेल में रहा - शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

देशभर में इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह बेहद सादगी से मनाया गया. नरसिंहपुर में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने अपने आश्रम में झंडा फहराया. शंकराचार्य ने बताया कि देश की स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया था. जिसमें उन्होंने हिस्सा लिया था.

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नरसिंहपुर न्यूज
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Published : Aug 15, 2020, 3:27 PM IST

नरसिंहपुर। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने भी नरसिंहपुर में सादगी के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया. उन्होंने इस दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने भी आजादी की लड़ाई में योगदान दिया. जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा. लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि वह देश के काम आ सके.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने सादगी से मनाया स्वतंत्रता दिवस

शंकराचार्य ने बताया कि देश की स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन चलाया था. जिसमें उन्होंने हिस्सा लिया था. वह आंदोलन में शामिल होने की वजह से दो बार जेल भी गए. पहली बार वह बनारस की जेल में 9 महीने तक कैद रहे. इसके बाद नरसिंहपुर के बरमान में अंग्रेजों ने उन्हे फिर पकड़ लिया. जिसके बाद उन्होंने नरसिंहपुर जेल में 2 महीने बिताए.

शंकराचार्य ने कहा कि उन्हें इस बात का बेहद गर्व है कि हमें अवसर मिला और भारत माता के लिए कुछ कर पाए. वह आगे भी देश के लिए जब भी जरुरत पड़ेगी हमेशा तैयार हैं. जहां तक देश का प्रश्न है देश के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सदा ही सकल अंग में रहना चाहिए, जिससे हमारी भारत माता के ऊपर कोई आच न सके. भारत माता के सिर पर हमेशा ताज रहे मेरा देश हमेशा आजाद रहे यही मेरी भावना है.

नरसिंहपुर। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने भी नरसिंहपुर में सादगी के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया. उन्होंने इस दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने भी आजादी की लड़ाई में योगदान दिया. जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा. लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि वह देश के काम आ सके.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने सादगी से मनाया स्वतंत्रता दिवस

शंकराचार्य ने बताया कि देश की स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन चलाया था. जिसमें उन्होंने हिस्सा लिया था. वह आंदोलन में शामिल होने की वजह से दो बार जेल भी गए. पहली बार वह बनारस की जेल में 9 महीने तक कैद रहे. इसके बाद नरसिंहपुर के बरमान में अंग्रेजों ने उन्हे फिर पकड़ लिया. जिसके बाद उन्होंने नरसिंहपुर जेल में 2 महीने बिताए.

शंकराचार्य ने कहा कि उन्हें इस बात का बेहद गर्व है कि हमें अवसर मिला और भारत माता के लिए कुछ कर पाए. वह आगे भी देश के लिए जब भी जरुरत पड़ेगी हमेशा तैयार हैं. जहां तक देश का प्रश्न है देश के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सदा ही सकल अंग में रहना चाहिए, जिससे हमारी भारत माता के ऊपर कोई आच न सके. भारत माता के सिर पर हमेशा ताज रहे मेरा देश हमेशा आजाद रहे यही मेरी भावना है.

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