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बारिश होते ही फूट गया करोड़ों की लागत से बना तालाब, ग्रामीणों ने ठेकेदार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

नरसिंहपुर के तेंदूखेड़ा स्थित ढिलवार पंचायत में तालाब फूटने से लाखों लीटर संरक्षित पानी बर्बाद हो गया है. पिछले साल ही करोड़ों की राशि से इस तालाब का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था. जो एक ही बारिश में फूट गया.

करोड़ों की राशि का तालाब फूटा
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Published : Sep 12, 2019, 6:24 PM IST

नरसिंहपुर। तेंदूखेड़ा के ढिलवार पंचायत में करोड़ों की राशि से बना तालाब ज्यादा बारिश के चलते फूट गया. भीषण जल संकट से जूझ रहे गांव में पिछले साल ही इस तालाब का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था. एक साल के अंदर तालाब के फूटने से ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य की तस्वीर साफ उजागर कर दिया.

करोड़ों की राशि का तालाब फूटा

नरसिंहपुर के चावरपाठा विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत ढिलवार में कुछ महीने पहले ही करीब 10 एकड़ में बनाए गए विशाल तालाब के फूटने से लाखों लीटर संरक्षित पानी बर्बाद हो गया. बता दें कि जिले के आरईएस विभाग द्वारा एक करोड़ की राशि से तालाब का निर्माण महाराष्ट्र की एमपी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा कराया जाना था. जिसने अपना लाभ निकालने के बाद उक्त निर्माण का ठेका स्थानीय ठेकेदार मिथिलेश राजोरिया को दे दिया.

जिसमें पास में ही निर्मित एनएच 12 सड़क से खोदी जा रही मिट्टी को उठाकर तालाब की दीवार बना दी. सभी नियमों को दरकिनार करते हुए आनन-फानन में तालाब का निर्माण कर दिया गया. जिसमें ग्रामीणों व सरपंच द्वारा संबंधित ठेकेदार को समय-समय पर गुणवत्ता पूर्वक कार्य करने की हिदायते भी दी गई. लेकिन उसके बावजूद भी तालाब का निर्माण मनमर्जी से कर दिया गया. जिसके चलते करोड़ों की राशि का बना तालाब फूट गया.

तालाब निर्माण में नियम के मुताबिक 10 फीट की खुदाई कराकर उसमें काली मिट्टी डालकर मजबूत बेस बनाकर दीवार का निर्माण किया जाना था. जिसके दोनों तरफ पत्थरों की पिचिंग भी कराई जानी थी. लेकिन इसके विपरीत ठेकेदार द्वारा सड़क की मिट्टी का उपयोग करते हुए ना पत्थरों की पिचिंग कराई गई और ना ही नियम अनुसार कार्य किया गया. जिसका नतीजा यह निकला कि एक बारिश में ही तालाब टूट गया.

नरसिंहपुर। तेंदूखेड़ा के ढिलवार पंचायत में करोड़ों की राशि से बना तालाब ज्यादा बारिश के चलते फूट गया. भीषण जल संकट से जूझ रहे गांव में पिछले साल ही इस तालाब का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था. एक साल के अंदर तालाब के फूटने से ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य की तस्वीर साफ उजागर कर दिया.

करोड़ों की राशि का तालाब फूटा

नरसिंहपुर के चावरपाठा विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत ढिलवार में कुछ महीने पहले ही करीब 10 एकड़ में बनाए गए विशाल तालाब के फूटने से लाखों लीटर संरक्षित पानी बर्बाद हो गया. बता दें कि जिले के आरईएस विभाग द्वारा एक करोड़ की राशि से तालाब का निर्माण महाराष्ट्र की एमपी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा कराया जाना था. जिसने अपना लाभ निकालने के बाद उक्त निर्माण का ठेका स्थानीय ठेकेदार मिथिलेश राजोरिया को दे दिया.

जिसमें पास में ही निर्मित एनएच 12 सड़क से खोदी जा रही मिट्टी को उठाकर तालाब की दीवार बना दी. सभी नियमों को दरकिनार करते हुए आनन-फानन में तालाब का निर्माण कर दिया गया. जिसमें ग्रामीणों व सरपंच द्वारा संबंधित ठेकेदार को समय-समय पर गुणवत्ता पूर्वक कार्य करने की हिदायते भी दी गई. लेकिन उसके बावजूद भी तालाब का निर्माण मनमर्जी से कर दिया गया. जिसके चलते करोड़ों की राशि का बना तालाब फूट गया.

तालाब निर्माण में नियम के मुताबिक 10 फीट की खुदाई कराकर उसमें काली मिट्टी डालकर मजबूत बेस बनाकर दीवार का निर्माण किया जाना था. जिसके दोनों तरफ पत्थरों की पिचिंग भी कराई जानी थी. लेकिन इसके विपरीत ठेकेदार द्वारा सड़क की मिट्टी का उपयोग करते हुए ना पत्थरों की पिचिंग कराई गई और ना ही नियम अनुसार कार्य किया गया. जिसका नतीजा यह निकला कि एक बारिश में ही तालाब टूट गया.

Intro:*एक करोड़ रुपए की राशि से निर्माणाधीन तालाब फूटा, ढिलवार ग्राम पंचायत का मामलाBody:*एक करोड़ रुपए की राशि से निर्माणाधीन तालाब फूटा, ढिलवार ग्राम पंचायत का मामला

नरसिंहपुर जिले की तहसील तेंदूखेड़ा की ग्राम पंचायत ढिलवार मे भीषण जल संकट से जूझ रहे गांव के लिए जो तालाब का निर्माण किया गया था वह अधिक बरसात होने के कारण फूट गया है जिसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है विगत वर्ष में ग्राम में भारी जल संकट रहा इसके लिए सरकार द्वारा विशाल तालाब का निर्माण कार्य करवाया गया था जिसकी लागत राशि 1 करोड़ रुपए थी विगत वर्ष ग्राम लोग एक एक बूंद पानी के लिए तरसे थे परंतु ठेकेदार द्वारा पेटी पर कार्य किया कराया गया जो घटिया निर्माण हुआ था वह बरसात में अधिक पानी होने के कारण बह गया
टेस्टिंग ,पिचिंग और फीलिंग में जमकर हुई बंदरबांट
- महाराष्ट्र की कंपनी एमपी कंस्ट्रक्शन का कारनामा, पेटी पर दिया 1 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट

जब देश की संसद में देश के प्रधान मंत्री जल संरक्षण के लिए संकल्प बद्ध हैं एवं जल संरक्षण के लिए बूंद बूंद पानी बचाने की मुहिम देश भर में चलाई जा रही है और प्रशासन करोड़ों रुपयों के जलाशयों को सहज स्वीकृति भी प्रदान कर रही है वहीं अगर निजी स्वार्थों के चलते नौसिखए ठेकेदार निर्माण कार्य कराएं तो इसे आप भ्रष्टाचार की होली खेलना ही कह सकते हैं। कुछ इस तरह का मामला विगत दिवस नरसिंहपुर जिले के चावरपाठा विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत ढिलवार में देखने को मिला जहां कुछ माह पूर्व ही लगभग 10 एकड़ में बनाए गए विशाल तालाब के फूटने से लाखों लीटर संरक्षित जल बर्बाद हो गया। बता दें कि जिले के आर ई एस विभाग के द्वारा लगभग एक करोड़ रुपए से तालाब का निर्माण महाराष्ट्र की एमपी कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा कराया जाना था जिसने अपना लाभ निकालने के पश्चात उक्त निर्माण का ठेका स्थानीय ठेकेदार मिथिलेश राजोरिया नामक व्यक्ति को दे दिया। जिसमें पास में ही निर्मित एनएच 12 सड़क से खोदी जा रही मिट्टी को उठाकर तालाब की (पार)दीवार बना दी गई और सभी नियमों को दरकिनार करते हुए आनन-फानन में तालाब का निर्माण कर दिया गया। जिसमें ग्रामीणों एवं सरपंच के द्वारा भी संबंधित ठेकेदार को समय-समय पर गुणवत्ता पूर्वक कार्य करने की हिदायते भी दी गई। परंतु उसके बावजूद भी तालाब का निर्माण मनमर्जी से कर दिया गया। जिसका नतीजा विगत दिवस तालाब के फूटने पर देखने को मिला।

टेंडर बड़ी कंपनी का और निर्माण नोसिखियों के द्वारा -
लगभग एक करोड़ की लागत से बनने वाले तालाब में महाराष्ट्र की एमपी कंस्ट्रक्शन जैसी बड़ी कंपनी ने टेंडर डाला और कार्य का ठेका लिया तो फिर उसके बाद स्थानीय स्तर के नोसिखिये ठेकेदारों से कार्य आखिर क्यों कराया गया ? यह प्रश्न स्थानीय स्तर पर प्रबुद्ध नागरिकों के द्वारा उठाया जा रहा है।

फिलिंग, टेस्टिंग और पिचिंग की पुनः की जाए जांच -
तालाब निर्माण में नियम अनुसार 10 फीट की खुदाई करवाकर उसमें काली मिट्टी डालकर मजबूत बेस बनाकर पार का निर्माण किया जाना था जिसके दोनों तरफ पत्थरों की पिचिंग भी कराई जानी थी परंतु इसके विरत ठेकेदार के द्वारा सड़क की मिट्टी का उपयोग करते हुए ना पत्थरों की पिचिंग कराई गई और नाही नियम अनुसार कार्य किया गया। जिसका नतीजा यह निकला कि एक बारिश में ही तालाब टूट गया जिससे पास में स्थित पुराना तालाब अपने अस्तित्व का रोना रो रहा है।


वाइट

01 आर एस राजपूत एसडीएम तेंदूखेड़ा
02 महंती मरावी एसडीओपी तेंदूखेड़ा
03 आर ई एस इंजीनियर - राजन धुर्वे
Conclusion: तालाब निर्माण में नियम अनुसार 10 फीट की खुदाई करवाकर उसमें काली मिट्टी डालकर मजबूत बेस बनाकर पार का निर्माण किया जाना था जिसके दोनों तरफ पत्थरों की पिचिंग भी कराई जानी थी परंतु इसके विरत ठेकेदार के द्वारा सड़क की मिट्टी का उपयोग करते हुए ना पत्थरों की पिचिंग कराई गई और नाही नियम अनुसार कार्य किया गया। जिसका नतीजा यह निकला कि एक बारिश में ही तालाब टूट गया जिससे पास में स्थित पुराना तालाब अपने अस्तित्व का रोना रो रहा है।
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